73 सालों में पहली बार मनाया जाएगा Supreme Court का स्थापना दिवस

शनिवार यानी आज 4 फरवरी को पहली बार भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिंगापुर के न्यायाधीश जस्टिस सुंदरेश मेनन को बुलाया गया है।

Supreme Court Foundation Day : शनिवार 4 फरवरी को पहली बार भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। 73 सालों में यह पहली बार Supreme Court का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिंगापुर के न्यायाधीश जस्टिस सुंदरेश मेनन को बुलाया गया है। और उनके साथ ही कोर्ट और वकालत से जुड़ी हुई देश-विदेश की कई बड़े जस्टिस कार्यक्रम में शिरकत करने वाली हैं।

कार्यक्रम में जस्टिस संजय किशन कौल स्वागत भाषण देने वाले हैं और उनके साथ मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ भी अपने विचारों को व्यक्त करने वाले हैं।

डीवाई चंद्रचूड़ ने स्थापना दिवस की परंपरा की शुरुआत की :-

सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों द्वारा बताया गया कि मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने स्थापना दिवस की परंपरा की शुरुआत की है। अभी तक Supreme Court अंदर इस देश को नहीं मनाया जाता था ना ही कोई इस तरह का दिवस होता था। देश का सर्वोच्च न्यायालय 26 नवंबर को संविधान दिवस का आयोजन करता है। बता दें कि 26 जनवरी 1950 को Supreme Court की घोषणा हुई और संविधान से मंजूरी मिली।

इसके ठीक दो दिन बाद 28 जनवरी 1950 को देश का सर्वोच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया अस्तित्व में आया। भारत में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था साल 1744 में शुरू हुई थी। जब कोलकाता में सुप्रीम कोर्ट ऑफ ज्यूडिक्चर एट फोर्ट विलियम (Supreme Court of Judicature at Fort William)की स्थापना हुई थी। रेगुलेटिंग एक्ट 1773 के अंतर्गत ये कोर्ट उस वक्त ब्रिटिश इंडिया का सबसे बड़ा कोर्ट था। सबसे पहला चीफ जस्टिस सर एलियाह इम्पे (Sir Elijah Impey) को बनाया गया था।

फोर्ट विलियम कोर्ट को Supreme Court माना जाता था लेकिन उस वक्त इसका दर्जा इस्ट इंडिया कंपनी के कोर्ट के तौर पर ही दिया जाता था। उस समय भारत में केवल दो ही कोर्ट हुआ करती थीं। पहली कंपनी कोर्ट ओर दूसरी राजा कोर्ट, लेकिन साल 1861 में इंडियन हाई कोर्ट एक्ट के आने के बाद यह खत्म भी हो गया।

दरअसल 1857 की क्रांति से पहले भारत के अधिकतर भागों पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था, लेकिन विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने अपनी कंपनी को भंग कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ऑफ ज्यूडिक्चर एट फोर्ट विलियम’ (Supreme Court of Judicature at Fort William) को हटाकर देश का पहला हाईकोर्ट, कोलकाता में स्थापित किया गया।

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फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया की स्थापना :-

हाईकोर्ट की स्थापना का विधेयक पेश करने के समय सर चार्ल्स वुड ने ब्रिटिश संसद में कहा था कि पूरे देश में केवल एक सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) होगा। साल 1935 में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट पारित हुआ और इसके बाद फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया की स्थापना की गई। फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया का कामकाज संसद भवन के चेंबर ऑफ प्रिंसेस में किया जाता था।

26 जनवरी का 1950 को फेडरल कोर्ट का नाम बदलकर देश का सबसे बड़ा न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया रख दिया गया।हीरालाल जे कानिया देश के पहले चीफ जस्टिस बने थे।

सर मौरिस ग्वायर (Sir Maurice Gwyer) को पहला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चुना गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अस्तित्व में आने के 73 साल बाद पहली बार अपना स्थापना दिवस समारोह मनाने जा रहा है। बड़े स्तर पर मनाए जा रहे इस कार्यक्रम का सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर सीधा प्रसारण भी दिया जाएगा।

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73 सालों में पहली बार मनाया जाएगा Supreme Court का स्थापना दिवस :-

73 सालों में पहली बार सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिंगापुर के रूप में सीजेआई, सुंदरेश मेनन जी को आमंत्रित किया गया है जो भारतीय मूल के न्यायाधीश हैं। इस कार्यक्रम में जस्टिस संजय किशन कौल स्वागत भाषण देंगे और इनके साथ ही इसमें मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ भी अपने विचार रखेंगे।

सीजेआई ने न्यायमूर्ति सुंदरेश मेनन का स्वागत किया और कहा कि मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन को आमंत्रित करना सम्मान की बात है। स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में ‘बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका’ इस विषय पर एक लेक्चर भी बोला जाएगा।

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