US-UK-ऑस्ट्रेलिया मिलकर बनाएंगे 8 परमाणु पनडुब्बियां: पहली बार तकनीक देने राजी हुआ अमेरिका अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की। AUKUS के बैनर तले हुई इस मीटिंग में 2030 तक ऑस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर पावर वाली सबमरीन देने की डील की गई। इस दौरान बाइडेन ने कहा- ये डील इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में स्टेबिलिटी लाने की तरफ एक अहम कदम है।
इस डील के तहत अमेरिका ऑस्ट्रेलिया को 3 US वर्जीनिया क्लास न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन देगा। वहीं, जरूरत पड़ने पर उसे 2 और सबमरीन भी सप्लाई की जाएंगी। इस प्रोजेक्ट के तहत ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया मिलकर 8 SSN-AUKUS सबमरीन बनाएंगे, जिसमें अमेरिकी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा।
AUKUS के तहत US-UK और ऑस्ट्रेलिया मिलकर 8 SSN-AUKUS सबमरीन बनाएंगे।

तीनों देशों की पार्टनरशिप के तहत बनी SSN-AUKUS सबमरीन की डिलिवरी ब्रिटेन को 2030 के दशक के अंत तक मिलेगी। वहीं ऑस्ट्रेलिया को ये सबमरीन 2040 की शुरुआत में मिलेगी। इसे BAE और रॉल्स-रॉयस मिलकर बनाएंगे। ऑस्ट्रेलियन को ये सबमरीन 2040 की शुरुआत में मिलेगी। इसे BAE और रॉल्स-रॉयस मिलकर बनाएंगे। ऑस्ट्रेलियन के एक डिफेंस ऑफिसर के मुताबिक इसमें करीब 245 अरब डॉलर (20.19 लाख करोड़ रुपए) का खर्च आएगा। ऑस्ट्रेलिया के क्रू को ट्रेनिंग देने के लिए 2027 तक 4 अमेरिकी और 1 ब्रिटिश सबमरीन पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में तैनात की जाएंगी।
2027 तक ऑस्ट्रेलिया के क्रू को 4 अमेरिकी और 1 ब्रिटिश सबमरीन ट्रेनिंग देंगे।
इस दौरान बाइडेन ने लगातार इस बात पर जोर दिया कि ये सबमरीन न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करेंगी। इन पर न्यूक्लियर वेपन्स नहीं होंगे। 1950 के बाद ये पहला मौका होगा जब अमेरिका अपनी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को किसी और देश के साथ साझा करेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसे एक मजबूत साझेदारी बताते हुए कहा- पहली बार ऐसा होगा कि अटलांटिक और पैसेफिक ओशन में सबमरीन के 3 बेड़े एक साथ शांति बनाए रखने के लिए काम करेंगे।
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वहीं ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा- हमने इस डील को लेकर चीन से जानकारी साझा करने की पेशकश की है। हालांकि, हमें उनके जवाब के बारे में जानकारी नहीं है।
1950 के बाद अमेरिका पहली बार किसी देश से अपनी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी साझा करेगा।
सुनक ने कहा- हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वो लगातार बढ़ती जा रही हैं। रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया तो वहीं चीन की गतिविधियां भी लगातार बढ़ रहीं हैं। दूसरी तरफ ईरान और नॉर्थ कोरिया अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में दुनिया पर अस्थिरता और विभाजन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इन सबके बीच ये बेहद जरूरी है कि हम अपने देशों को साथ मिलकर मजबूत करें।
जिनपिंग से जल्द बातचीत करेंगे बाइडेन
इस बीच चीन ने AUKUS डील को अवैध बताते हुए इसकी निंदा की। इस साझेदारी की वजह से ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ एक सबमरीन डील भी रद्द कर दी। इसे लेकर फ्रांस उससे नाराज चल रहा है। वहीं चीन के रुख पर बाइडेन ने कहा- ये चिंता का विषय नहीं है। मैं जल्द ही चीनी लीडर शी जिनपिंग से बात करने वाला हूं। हालांकि, बाइडेन और जिनपिंग की बातचीत कब होगी इसे लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।
सितंबर 2021 में बना AUKUS ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच नया रक्षा समूह है।
सितंबर 2021 में बना AUKUS ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच नया रक्षा समूह है, जो इंडो पैसेफिक क्षेत्र पर केंद्रित है। इस गठबंधन (AUKUS) से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को कंट्रोल किया जा सकेगा। इसके तहत US, ऑस्ट्रेलिया से परमाणु पनडुब्बी की टेक्नोलॉजी साझा करेगा। AUKUS के बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ 2.9 लाख करोड़ रु. के पनडुब्बी सौदे को रद्द कर दिया था।