जो फसल अमृत थी वो जहरीली कैसे हो गई ?
किसानों को कर्ज में डुबाया आधुनिक खेती नाम पर। ज़हरीली खाद, बीज,कीटनाशक, टैक्टर, मोटर पम्प के नाम पर। हो गया ज्यादा उत्पादन अब कोई खरीददार नही , जो खरीद रहा है लेकिन उचित दाम नही। फसल है पर गुणवत्ता नही, इसलिए हमारे उत्पादों को दूसरे देशों ने लेना बंद कर दिया। बोल दिया तुम्हरी फ़सल जहरीली है।
अब क्योंकि फसल बिकी नही या फसल का उचित दाम मिला नही तो किसान कर्ज कहा से भरेगा। नही भरेगा तो ज़मीन नीलाम होगी। लेकिन किसान को बर्बाद करने वाले नेता अधिकारी के ऊपर कोई कार्यवाही नही।
जिन्होंने आधुनिक खेती नाम पर बैलों को बेरोजगार कर दिया इंसानों को बेरोजगार कर दिया, देशी बीजो का नाश कर दिया,स्वाद और सेहत का नाश कर दिया। करोड़ो लोगो को रोगी बना दिया। आज भी किसानों को कर्ज दिया जा रहा है किसान के सहयोग के नाम पर ताकि आधुनिक तकनीकी से खेती करके किसान आत्महत्या कर सके। ज़हरीली खाद, बीज, कीटनाशक, टैक्टर किसानों को सब्सिडी पर बाँटा जा रहा है। किसान खेतो में डाल कर खेतो को बंजर बनाता जा रहा है वही जहर हवा, पानी, भोजन के माध्यम से हमारे शरीर मे घुस रहे है । हम बीमार हो रहे है धरती बीमार हो रही है। लेकिन जीडीपी बढ़ रही है । लेकिन जिंदगी नर्क बन रही है।
आवो फिर अपने परम्परागत खेती की तरफ लौटे खेत भी बचेंगे, बैल भी बचेगा, आने हमारी नश्ले भी बचेगी। वरना ये कर्ज चुकाते चुकाते न खेत बचेंगे न मेढ़ बचेंगे न ये शरीर बेचगा।
करोड़ो ऐसे किसान है जो इसी कर्ज के चक्रव्यूह में डूबकर बर्बाद हो चुके हैं। अपनी ज़मीन अपना जीवन दोनों खो चुके है। हमारे बच्चे जो पहले पहलवान होते थे अब कुपोषण का शिकार हो रहे है। हम बिना मौसम के भी अब बीमार हो रहे है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के शिकार हो रहे है