Realty of vaccination

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इंजेक्शन सर्टिफिकेट में आप चन्द्रगुप्त की फोटो के साथ एक QR कोड देखते हैं।

1.ये क्यूआर कोड नंदन नीलेकणि साहब की इंफोसिस ने बनाया है जिसको फंडिंग बिल गेट्स से होती है, खैर ये मुद्दा नही है क्योंकि बिल गेट्स सबके मालिक हैं। उनके खिलाफ बोलने की जुर्रत हिंदुस्तान के किसी नेता में नहीं हैं। जिसको भी अपने नेता उर्फ भगवान पर घमंड हो वो चाहे तो गलतफहमी दूर कर ले, उनका कोई नेता उर्फ भगवान इस शैतान पर बोल नहीं पायेगा।

  1. मशहूर फार्मा कंपनी की मालकिन किरण मजूमदार को कैसे पता था अगस्त 2020 में, कि जब इंजेक्शन आएंगे, तब उसका डिजिटल सर्टिफिकेट होगा वहां क्यूआर कोड होगा ,,तब तक तो इंजेक्शन का वजूद ही चर्चा में नही आया था।
    मतलब इंजेक्शन और ये सर्टिफिकेट क्यूआर कोड़ सब पहले से प्लांड था।।
  1. आरटीआई में जब इंजेक्शन, डिजिटल क्यूआरकोड, हेल्थ डेटा की जानकारी मांगी तो कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा टाइप जानकारी है नही दे सकते।
  1. रविशंकर प्रसाद तत्कालीन दूरसंचार मंत्री का ऋषभ शर्मा से क्या लेना देना लिंक है ?? क्यों उसकी सिर्फ 1 महीने पुरानी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया।
  2. इंजेक्शन के लिए बना स्पेशल कोविन पोर्टल के लिए दूरसंचार मंत्रालय आयुष मंत्रालय एक ओपन चैलेंज रखता है लास्ट डेट के साथ कि आओ कर के दिखाओ इनाम मिलेगा, जबकि उससे पहले ही ऋषभ शर्मा का नाम फिक्स है की कॉन्ट्रैक्ट उसको मिलेगा।
  1. जिस ऋषभ शर्मा के जिम्मे सवा सौ करोड़ लोगों के डिजिटल हेल्थ पासपोर्ट गरूड़ हेल्थ पासपोर्ट की जिम्मेदारी दी गई है, उसकी कंपनी कॉन्ट्रैक्ट मिलने से एक महीने पहले बनी है। और इसको बहुत नामचीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी का मालिक बताया है रविशंकर प्रसाद ने यह ऋषभ शर्मा तो अमरीका से म्यूजिक संगीत में डिग्री की पढ़ाई किया हुआ है।

नोट:– यह मायावी सरकारी बीमारी और इंजेक्शन दोनों मानवता इंसानियत के खिलाफ स्पांसर्ड है,, चूहे भेड़ बंदर खरगोश की तरह जबरन इंजेक्शन घोंपा जा रहा है, नही लगाया तो राशन नही देंगे, जॉब पर नही आ सकेंगे, मेट्रो बस रेल मार्केट मॉल मंदिर नही जाने देंगे,,क्या गजब दादागिरी है!!!

आपके नेता उर्फ भगवान सिर्फ कुर्सी सत्ता के लालच में विदेशी आकाओं के आगे नतमस्तक है। आपको गलतफहमी है कि आपका नेता जीतेगा तो आपकी सरकार होगी,, नही आपका नेता इन विदेशी ताकतों का गुलाम है,, उनमें से किसी की हिम्मत नही है जो इस फर्जीवाड़े और मानवता के हत्यारों के खिलाफ बोल सके।

जियो पॉलिटिक्स। नवीनतम चतुर्वेदी

बतौर नागरिक सजग बने ,अपने अधिकारों की बात करें, अपने नेताओं से इस पोस्ट को दिखा कर सवाल पूछें, यदि आपका नेता मौन रहे या सवाल से भागे तो समझ लीजिए वो नेता नही है ,मौत का सौदागर है।

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