यूक्रेनी राष्ट्रपति की सच्चाई1 :

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कौन है यूक्रेनी राष्ट्रपति बोलोदिमिर और कैसे बने राष्ट्रपति ?:

राष्ट्रपति बोलोदिमीर

यूक्रेनी राष्ट्रपति बोलोदिमिर जेलेसंकी हैं। ये 2019 में राष्ट्रपति बनने से पहले कॉमेडियन थे। लेकिन US,UK के धनिकों ने इन्हे राष्ट्रपति बनाने के लिये पैड मीडिया के माध्यम से जोर शौर से प्रचार करवाया। ताकि इन्हे राष्ट्रपति बना के ये लोग अपना काम निकलवा सके। इनके जोर शोर से प्रचार करने से यूक्रेन की जनता ने इन्हे भारी मात्रा में वोट दिए और ये राष्ट्रपति बन गए।

अब सिंपल सवाल: यदि पेड मीडिया का समर्थन नहीं मिलता तो क्या जेलेसंकी यूक्रेन का राष्ट्रपति बन पाता?जवाब है ,”कभी नहीं”

तो जेलेसंकी के नियुक्ति अधिकारी कौन है?..जाहिर सी बात है, “अमेरिकी , ब्रिटिश धनिक”, जिन्होंने पैड मीडिया को पॉजिटिव कवरेज बताने के लिये पैसा दिया। इसलिए यूक्रेनी राष्ट्रपति अमेरिकी ब्रिटिश धनिकों के पालतू आदमी हो गए। अब अमेरिकी ब्रिटिश धनिकों ने अपने पालतू से बोला कि नाटो में शामिल हो जाओ। तब उसने कहा ठीक हैं, और वो शामिल भी होने जा रहा था पर,इस पर रूस को सख्त ऐतराज हैं, क्योंकि यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से रूस खुद को अपनी सुरक्षा के दृष्टि से खतरनाक मानता हैं। यूक्रेन में बहुत से खनिज व गैस के भंडार है जिस पर रूस की नजर है जिसे रूस हथियाना चाहता है। इसलिए रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। क्योंकि रूस को पता है की अगर यूक्रेन के NATO में शामिल होने के बाद वो इस पर हमला करेगा तो उसे NATO के सभी सदस्य राज्यो का सामना करना पड़ेगा।

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आखिर क्या है NATO:

उत्तरी अटलाण्टिक सन्धि संगठन एक सैन्य गठबन्धन है, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सदस्य राज्य बाहरी आक्रमण की स्थिति में सहयोग करने के लिए सहमत होंगे,और प्रत्येक राज्य एक दूसरे की मदद करेंगे अगर कोई बाहरी हमला किसी पर भी होता है तो। शायद इसीलिए अमेरिकी धनिकों ने यूक्रेन को इसमें शामिल होने को कहा और यूक्रेनी राष्ट्रपति ने शामिल होने के लिए हां भी कर दिया। क्युकी उन्हें भी रूस का डर था कि वो हमला करके कुछ भी कर सकता है।

अगर यूक्रेनियो के पास वोट वापसी पासबुक होता तो क्या होता:

अगर यूक्रेन के नागरिकों के पास भी वोट वापसी होता तो वो अपने राष्ट्रपति को उनके पद से हटा देता पर, वोट वापसी पासबुक नहीं हैं अतः वे अपने राष्ट्रपति को समय से पहले नहीं निकाल सकते हैं। यदि यूक्रेन के नागरिकों के पास वोट वापसी पासबुक होती तो यूक्रेन का राष्ट्रपति राष्ट्र को युद्ध की आग में नहीं झोंकता वो भी गैरो के भरोसे।संबंधित पोस्ट के साथ मे जो फ़ोटो देख रहे हैं वो किसी स्टूडियो में शूट करवाया गया है क्योंकि युद्ध हमेशा सैनिक ही लड़ते है और राष्ट्रपति की रक्षा भी सैनिक ही करते हैं।वर्तमान में भी पेड मीडिया रूस यूक्रेन युद्ध को लंबा खिंचवाने के लिये यूक्रेनी राष्ट्रपति को पॉजिटिव कवरेज दे रहे है और उन्हें हीरो की तरह पेश कर रही हैं।(अर्थात चने के झाड़ पर चढ़ा रहे है।)

देखे इसका वीडियो:https://youtu.be/rh6TkO9VHng

अमेरिकी धनिको ने क्यो किया ऐसा?:

रूस यूक्रेन युद्ध जितना लंबा चलेगा उतना ज्यादा अमेरिकी ब्रिटिश धनिकों को फायदा होगा।रूस कमजोर हो जाएगा,यूक्रेन बर्बाद हो जाएगा,जिसे अमेरिकी ब्रिटिश धनिक इन्हे टेकओवर कर लेंगे।

सबक जो हमें लेना चाहिए:

1.जब किसी व्यक्ति की पेड मीडिया बहुत ज्यादा प्रसंसा करें तो इसका मतलब यह लेना चाहिए कि वो हमारा आदमी नहीं है बल्कि पैड मीडिया का आदमी हैं।2.हमे अपने हथियार स्वयं बनाने चाहिए अर्थात हथियार निर्माण में आत्मनिर्भर होना चाहिए इसके लिये जुरीकॉर्ट रिक्तभूमिकर ,WOIC, GUN LAW जैसे कानून आवश्यक हैं।वरना हमे भी भविष्य में कोई सनकी प्रधानमंत्री बर्बाद कर सकता हैं और अगर ऐसा कानून हमारे देश में होगा तो युद्ध के समय हमे दूसरो पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

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