ISRO ने लॉन्च की नेविगेशन सैटेलाइट, नौवहन उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू

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ISRO ने आज सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर नेविगेशन सैटेलाइट का उद्घाटन किया। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भराई गई।

Navigation Satellite : ISRO ने आज सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर नेविगेशन सैटेलाइट का उद्घाटन किया। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भराई गई। भारत के लिए एक क्षेत्रीय नेविगेशन सिस्टम क्यों आवश्यक है। चलिए जानते हैं।

श्रीहरिकोटा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) के जरिए एक नौवहन उपग्रह को प्रक्षेपित (लॉन्च) किया।‌ ISRO का कहना है कि GSLV-F12 ने नेविगेशन उपग्रह NVS-01 को सफलतापूर्वक इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया है।

ISRO की दूसरी पीढ़ी के नौवहन उपग्रह श्रृंखला (NavIC) के लॉन्चिंग की योजना :-

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक अद्वितीय योजना तैयार की है जो दूसरी पीढ़ी के नौवहन उपग्रह श्रृंखला के लॉन्चिंग को समर्पित है। इस उपग्रह श्रृंखला का नाम है “नाविक” (NavIC), जो भारतीय स्वदेशी नौवहन प्रणाली की सेवाओं की निरंतरता को सुनिश्चित करेगा। यह उपग्रह भारत और मुख्य भूमि के आस-पास लगभग 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में तत्कालिक स्थिति और समय संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा।

रविवार की सुबह से शुरू हुई 27.5 घंटे की उल्टी गिनती :-

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार के वैज्ञानिकों ने 29 मई को यहां भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह को प्रक्षेपित किए जाने की 27.5 घंटे की उल्टी गिनती रविवार को शुरू कर दी। अंतरिक्ष एजेंसी ने दूसरी पीढ़ी की नौवहन उपग्रह श्रृंखला के प्रक्षेपण की योजना बनाई है जो नाविक (भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगी।

ISRO के अनुसार, प्रक्षेपण की गिनती रविवार की सुबह सात बजकर 12 मिनट से आरंभ हो गई है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से सोमवार सुबह 51.7 मीटर लंबा GSLV अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना होगा। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट पर राकेट लगभग 251 किमी की ऊँचाई पर भूस्थिर स्थानांतरण क्षेत्र (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा। क्या आप जानते हैं कि नाविक उपग्रह क्या होते हैं? आइए जानते हैं।

नाविक (NavIC) उपग्रह क्या होते हैं? :-

नाविक उपग्रह (NavIC) एक विशेष प्रौद्योगिकी से बने हुए उपग्रह होते हैं। ये उपग्रह पृथ्वी के आस-पास स्थापित 7 उपग्रहों का एक समूह होता है, जो भूमिगत स्टेशनों से संपर्क में रहता है। इन उपग्रहों का विशेष उद्देश्य होता है सशस्त्र बलों की शक्ति को मजबूत करना और नौवहन सेवाओं की निगरानी करना। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने भारतीय उपग्रहों के सहयोग से GSLV NVS-1 नाविक को विकसित किया है।

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