खनिजो की लूट से क्या आशय है ?

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पिछले 400 वर्षो से खनिज ऐसा क्षेत्र में जिसमें भ्रष्टाचार कम और सीधी लूट ज्यादा है। खनिजो को लूटने वाला वर्ग इतना ज्यादा ताकतवर है कि इस लूट में छोटी मछलियों के आने की कोई गुंजाईश ही नहीं है। यहाँ लड़ाई सीधी शार्को के बीच है। उदारहण के लिए ईस्ट इण्डिया कम्पनी खनिज लूटने के धंधे में थी।

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पेड मीडिया के प्रायोजक यानी अमेरिकी-ब्रिटिश हथियार निर्माता पिछले 400 सालों से यह कारोबार कर रहे है। पहले उन्होंने निर्णायक हथियार बनाए और फिर उन्होंने माइनिंग कंपनियां भी खोली। आज भी खनन के बहुत सारे ऐसे क्षेत्र में जिसमें काफी आधुनिक मशीनरी का इस्तेमाल होता है। और ये मशीने सिर्फ कुछ गिनी चुनी कंपनियों को ही बनानी आती है। माइनिंग से बड़े पैमाने पैसा वही बना सकता है, या खनिज वही लूट सकता है जिसके पास ये मशीनरी हो।
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भारत के प्रमुख खनिज उत्पादक राज्य 2021


उदाहरण के लिए,
तेल निकालने की तकनीक दुनिया में सिर्फ 25-30 कंपनियों के पास ही है। तो जिस कम्पनी को इन कम्पनियों के मालिक ये मशीनरी देते है, वही कम्पनी खनिज निकाल पाती है। प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध कोयले, कच्चा तेल और स्टील के लिए लड़ा गया। खाड़ी युद्ध भी कच्चे तेल के लिए हुआ था। ब्रिटिश-फ्रांसिस संघर्ष का कारण भी खनिज थे। अभी ईरान पर भी जो युद्ध आने वाला है, वह भी खनिज (तेल) के लिए है।

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