भारत का अपना BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम 2023, क्या Android और iOS को Replace कर पायेगी?

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भारत अपना स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च करने जा रहा है। इसका नाम BharOS है। इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को आईआईटी मद्रास ने बनाया है।

BharOS जिसे ‘भरोस’ भी कहा जा रहा है। अभी तक हम केवल एंड्रॉयड या ios को ही मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में जानते थे। आज मेक इन इंडिया के तहत भारत ने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री तथा कौशल विकास मंत्री एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संयुक्त रूप से स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS की टेस्टिंग की।

साधारण शब्दों में कहें, तो भारत के सभी स्मार्टफोन गूगल और ऐपल ऑपरेटिंग सिस्टम से लैस हैं। इसलिए यह दोनों कंपनियां Apple और Google मोबाइल मार्केट में राज करती हैं। हालांकि गूगल और ऐपल के दबदबे को चुनौती देने के लिए भारत अपना स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च करने जा रहा है। इसका नाम BharOS है। इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को आईआईटी मद्रास ने बनाया है। ऐसे में ऐपल और गूगल की चिंताएं बढ़ सकती हैं। BharOS क्या है , ये कैसे काम करता है और इससे क्या फायदा होगा इन सभी बिंदुओं पर हम इस लेख में नजर डालेंगे।

BharOS क्या है? :-

BharOS एक नया स्वदेशी मोबाइल मेड इन इंडिया ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को IIT मद्रास की इनक्यूबेटेड फर्म JandK ऑपरेशंस ने बनाया है। अभी तक एप्पल के अलावा बाकी लगभग सभी स्मार्टफोन में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इतेमाल किया जाता है। और एप्पल में ios सिस्टम का उपयोग किया जाता है। BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम भारत में 100 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को लाभ पहुंचाएगा।

भारत का अपना स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS

साथ ही यह ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर बाकी OS के मुकाबले काफी सिक्योर होगा। यह स्मार्टफोन में विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भरता को कम करने में काफी सहायक करेगा।

BharOS की विशेषताएं :-

तकनीकी रूप से, BharOS Android से बहुत अलग नहीं है। Android Operating system एक Open Source Software है। और BharOS भी Android पर Based बनाया गया है। सरकार द्वारा वित्तपोषित परियोजना, BharOS एक AOSP (एंड्रॉइड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट) आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे कॉमर्शियल ऑफ – द – शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है। Android Operating system में बहुत सारी ऐप पहले से ही फोन में रहती हैं। अर्थात जब भी हम कोई नया फोन लेते हैं तो उसमें बहुत सारे ऐप पहले से मौजूद होते हैं। पर इसमें में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

एंड्रॉइड के विपरीत, इसमें डिफ़ॉल्ट Google ऐप या सेवाएं नहीं हैं, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ताओं को उन एप्लिकेशन को चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा जिनसे वे अपरिचित हैं या भरोसा नहीं करते हैं। BharOS भी किसी प्री-बिल्ट एप्लिकेशन के साथ नहीं आता है। पहले से इंस्टॉल किए गए एप्लिकेशन नहीं होने से user अपनी पसंद के ऐप को डाउनलोड कर सकेंगे। इस ऑपरेटिंग सिस्टम की खास बात यह है कि इसमें कोई भी ऐप पहले से इंस्टॉल नहीं रहेगा बल्कि फोन लेने के बाद जब भी हम इस फोन में कोई चीज इंस्टॉल करेंगे तभी वह ऐप हमारे फोन में आएगा।

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS यूजर्स को जरूरी ऐप इंस्टॉल करने की इजाजत देता है। अभी गूगल और iOS सॉफ्टवेयर में Gmail, Chrome, Youtube जैसे ऐप डिफॉल्ट तौर पर मौजूद होते हैं, जिन्हें यूजर्स चाहकर भी नहीं हटा सकते हैं। इससे यूजर्स के मोबाइल ऐप काफी स्पेस खाली रहेगा। संस्थान का दावा है कि यह उपयोगकर्ताओं को उनकी जरूरतों को पूरा करने वाले ऐप्स चुनने के लिए अधिक नियंत्रण, स्वतंत्रता और लचीलापन देगा।

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BharOS है Android से अधिक सुरक्षित :-

डेवलपर्स ने कहा है कि BharOS सुविधाओं और सुरक्षा के मामले में Android और iOS दोनों से बेहतर है। BharOS नो डिफॉल्ट ऐप्स (NDA) के साथ आएगा, जो यूजर्स को PASS से अपनी पसंद के ऐप्स डाउनलोड करने की सुविधा देगा। इसमें यह PASS Android में Play Store की तरह है। जिससे हम कोई भी अपनी मनपसंद के ऐप डाउनलोड कर सकेंगे।जहां तक अपडेट की बात है BharOS वाले डिवाइस को नेटिव ओवर-द- एयर (NOTA) अपडेट मिलेगा।

वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें।

BharOS

https://youtu.be/KFT_ygHAIQE

आत्मनिर्भर भारत’ की मिसाल है यह ऑपरेटिंग सिस्टम :-

यह एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के तहत तैयार किया गया है। टेस्टिंग के मौके पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये एक नई शुरुआत है अब हमको रुकना नहीं है। आज का ये स्टेप सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में जो बड़ा गैप था वो भर देगा।

वहीं केंद्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इस तरह की तकनीकों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार नीतियों में बदलाव को लेकर काम कर रही है। ऐसी तकनीक गरीबों की कई तरीकों से सहायता करेंगी। ये भारत में सशक्त, स्वदेशी, आत्मनिर्भर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के पीएम मोदी के विजन को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

मनमाने चार्ज से मिलेगा छुटकारा :-

इस ऑपरेटिंग सिस्टम के लॉन्च होने के बाद स्मार्टफोन की कीमत में कटौती हो सकती है। क्योंकि अभी स्मार्टफोन यूजर्स को OS के लिए Google पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में गूगल की तरफ से मनमाने चार्ज वसूले जाते हैं। ऐप डेवलपर्स के लिए काफी राहत हो सकती है। इन ऐप बिलिंग पर लगने वाले टैक्स में कटौती की जा सकती है। BharOS एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है।

Conclusion :-

इस Content में BharOS क्या है?, BharOS की विशेषताएं, BharOS Android से अधिक सुरक्षित, आत्मनिर्भर भारत’ की मिसाल BharOS इत्यादि जानकारियों को कॉल किया गया है। जिससे इसके बारे में आप को पढ़कर ढेर सारी जानकारी प्राप्त होगी।

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