AI Module Rail Root पर विभिन्न तथ्यों की गणना करके ज्यादा से ज्यादा टिकट कंबिनेशन का ऑप्शन देता है। इससे वेटिंग लिस्ट में 5 से 6 फीसदी तक की कमी होती है। और टिकट कंबीनेशन की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
अपनी रेलवे सेवाओं को और बेहतर करने में लगे भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence,AI) की मदद से ज्यादा संख्या में कंफर्म टिकट देने का रास्ता अब खोज लिया है। रेलवे ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉड्यूल ‘आइडियल ट्रेन प्रोफाइल’ विकसित किया है। सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) की ओर से रेलवे की इन-हाउस सॉफ्टवेयर शाखा विकसित किया गया यह मॉड्यूल वेटिंग लिस्ट (Ticket Waiting List) को 5 से 6 फीसदी तक कम करने में सक्षम है।
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Indian railway ला रहा है नया AI Based System
इस मॉड्यूल का सफलतापूर्वक परीक्षण पूरा होने से भारतीय रेलवे को इस मॉडल से काफी उम्मीद है कि इसकी मदद से जहां यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा कंफर्म टिकट उपलब्ध कराए जा सकेंगे, इसे रेलवे को चलाना एक करोड़ का फायदा हो सकता है। भारत में हर साल करोड़ों लोग रेल से यात्रा करने लगे हैं। लेकिन, यात्रियों की ज्यादा संख्या होने के कारण हर यात्री को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता।
रेल अधिकारियों का भी मानना है कि बड़ी संख्याम में यात्री रेलवे से केवल इसलिए दूर हो जाते हैं क्योंकि उन्हें कंफर्म टिकट मिलती ही नहीं। जिससे लंबी दूरी की उच्च श्रेणी के यात्री फ्लाइट की ओर चले जाते हैं तो कम दूरी की यात्रा के लिए बस कुछ लेते हैं। जिससे रेलवे की चिंता काफी बढ़ गई है। यात्रियों को अपने साथ बनाए रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में कंफर्म टिकट देने का कार्य अब आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी।
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https://youtu.be/Pmj5-AT3S9g
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI मॉड्यूल का सफल रहा ट्रायल :-
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, वेटिंग लिस्ट रेलवे एक ऐसी व्यवस्था है जो हमेशा बनी रहती है। जब किसी ट्रेन में यात्रियों द्वारा की गई मांग उपलब्ध सीटों की संख्या से अधिक होती है तब वेटिंग लिस्ट बनाई जाती है। उसी को वेटिंग लिस्ट का जाता है। वेटिंग लिस्ट की प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए रेलवे की इन-हाउस सॉफ्टवेयर शाखा सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने ‘आइडियल ट्रेन प्रोफाइल’ नाम से एक AI Module बनाया।
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इसको राजधानी सहित लंबी दूरी की करीब 200 ट्रेनों की जानकारी के साथ फीड किया गया था। ट्रायल के दौरान AI की मदद से कई यात्रा पैटर्नों का पता लगया गया। जैसे यात्रियों ने कितनी दूरी के स्टेशन को चुना, टिकट कैसे बुक किया और कौन से स्टेशनों के लिए टिकट की मांग कम है या ज्यादा रही साथ ही यह भी देखा गया कि यात्रा अवधि के कितने हिस्से में कौन सी सीटें खाली रहीं और साल के कौन से समय में सीटों की मांग ज्यादा रही।
Ticket Combination की बढ़ा दी संख्या :-
आइडियल ट्रेन प्रोफाइल मॉड्यूल के परीक्षण से सामने आया कि इस मॉड्यूल ने कंफर्म टिकट की संख्या को 5 से 6 फीसदी बढ़ा दिया। मॉड्यूल ने एकल यात्रा को पड़ावों (Halts) की संख्या में विभाजित करके और यात्री व्यवहार को जानकर संभावित टिकट संयोजन (Ticket Combinations) किया।
अगर लंबी दूरी की ट्रेन में 60 पड़ाव हैं, तो AI ने 1,800 संभावित टिकट संयोजनों के बारे में बताया। आमतौर पर रेलवे का वर्तमान सिस्टम 10 हॉल्ट की यात्रा के लिए 240 टिकट संयोजन ही बता पाता है।
AI Module से हर साल एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा होगा फायदा :-
रेल भवन के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि AI की मदद से रेलवे को हर साल प्रति ट्रेन एक करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह कंफर्म टिकटों की संख्या बढ़ा देता है। इससे यात्री बढ़ते हैं। AI को आप समय के साथ जितना अपडेट करते हैं, वह उतना ही सटीक होता चला जाता है।
Conclusion –
इस कांटेक्ट में भारतीय रेलवे के AI Module ‘आइडियल ट्रेन प्रोफाइल’ विकसित किया है। जिसमें Ticket Combination की बढ़ा दी संख्या, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI मॉड्यूल का सफल रहा ट्रायल, AI Module से हर साल एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा होगा फायदा इन सब टॉपिक पर जानकारियां दी गई हैं।
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