लखनऊ। कैबिनेट ने हेल्थ सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एवीडीएम) योजना को उत्तर प्रदेश में लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत एक सोसाइटी का गठन किया जाएगा। यह सोसाइटी रजिस्ट्रार, फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स उत्तर प्रदेश कार्यालय में पंजीकृत होगी। इससे देश में कहीं भी इलाज कराने पर मरीज से जुड़ी हर जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इसके लिए मरीज के जुड़ी कागजात
देश में कहीं भी इलाज कराइए, आपकी फाइल होगी ऑनलाइन
हर नागरिक के स्वास्थ्य का तैयार होगा डाटा, फाइल लेकर चलने की नहीं रहेगी जरूरत| राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति- 2017 की सिफारिशों के अनुरूप सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के मद्देनजर ABDM का फैसला |
इस योजना के माध्यम से भारत के सभी नागरिकों के स्वास्थ्य अभिलेखों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसमें नागरिकों के स्वास्थ्य से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे परामर्श और रिपोर्ट आदि अब डिजिटल रूप में संरक्षित रहेंगी। चिकित्सालयों और चिकित्सकों का एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा और राष्ट्रीय पहचान संख्या (NIN) दी जाएगी। जिसके बाद कोई भी नागरिक देश के किसी भी चिकित्सक से परामर्श प्राप्त कर सकेगा। ABDM को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) लागू कर रही है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन :-
यूपी में भी शुरू होगा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन | कैबिनेट ने राज्य इकाई को शुरू करने के प्रस्ताव को दी मंजूरी |
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डिजिटल मिशन (ABDM) के क्रियान्वयन के लिए राज्य ABDM इकाई गठित करने की व्यवस्था की गई है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार राज्य इकाई का दायित्व वरिष्ठ अधिकारी (जोकि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का स्टेट मिशन डायरेक्टर होगा) के माध्यम से किया जाएगा। स्टेट मिशन डायरेक्टर के अंतर्गत कई मंडल प्रमुख होंगे।
योजना के क्रियान्वयन तहत पदों के सृजन, तैनाती और स्थान आदि चयन की कार्यवाही की जानी प्रस्तावित है, जिसमें मिशन निदेशक की तैनाती प्रतिनियुक्ति या सेवा स्थानांतरण के आधार पर चिकित्सा विभाग करेगा। ABDM का उद्देश्य एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र को सृजित करना है, जो एक कुशल, सुलभ, हेल्थ रिकार्ड आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट से होगा लिंक|
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ABDM के तहत प्रत्येक नागरिक की एक यूनिक हेल्थ ID यानी आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) बनाने का लक्ष्य है। इसके तहत उस व्यक्ति का पूरा हेल्थ डाटा एकत्रित कर इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकॉर्ड (ईएचआर) के रूप में संरक्षित किया जाएगा। यह इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट से लिंक होगा। इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड (ईएचआर) के माध्यम से व्यक्ति की चिकित्सा से संबंधित सभी सूचनाएं प्राप्त हो सकेंगी और उसे पूर्व की भांति अपना भौतिक मेडिकल रिकॉर्ड (फाइल) अस्पताल ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
केंद्र सरकार देगी 18.49 करोड़:-
योजना में केंद्र सरकार की ओर से 5 वर्षों में कुल 18.49 करोड़ रुपये का अनुदान उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। वित्त वर्ष 2025 26 तक वार्षिक रूप से किये गये आवंटन के अनुसार व्यय किया जाना है। इस अवधि के बाद आगे संचालन और वित्त पोषण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
समावेशी, सस्ता, सामूहिक एवं सुरक्षित यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने में सहयोग देगा।
लोकभवन में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मौजूद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ।
देश में कहीं भी इलाज कराइए, आपकी फाइल होगी ऑनलाइन
— Government of UP (@UPGovt) March 11, 2023
हर मरीज का होगा यूनीक हेल्थ आईडी नंबर, स्वास्थ्य का तैयार होगा डाटा pic.twitter.com/2CTXu7vCm7