बस्ती में बनेगा पैलिएटिव वार्ड, बेहतर चिकित्सीय उपचार देने के लिए 15 जिलों में पैलिएटिव वार्ड बनाने का फैसला

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SIC जिला अस्पताल के Dr. आलोक द्वारा यह बताया गया कि बस्ती को पैलिएटिव वार्ड मिल जाने के कारण यहां के मरीजों को काफी ज्यादा सहूलियत मिलेगी।

Good News : उत्तर प्रदेश सरकार ने कैंसर, गुर्दा रोग,एड्स, हार्ट के मरीज या कोमा के मरीजों को दर्द से राहत प्रदान करने और बेहतर चिकित्सीय उपचार देने के लिए 15 जिलों में पैलिएटिव वार्ड बनाने का फैसला लिया गया है। इस लिस्ट में बस्ती जनपद का भी नाम शामिल है। केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार प्रारम्भ से नागरिकों के स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर काफी सजग है।

साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी भारी बजट देने के लिए ही सरकार समय-समय पर इसकी समीक्षा भी करती रहती है। गरीब मरीजों या जटिल बीमारियों से ग्रसित लोगों को कोई दिक्कत न हो इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश सरकार बस्ती जनपद में पैलिएटिव वार्ड बनाने जा रही है।

बस्ती को पैलिएटिव वार्ड मिल जाने से मरीजों को मिलेगी सहूलियत :-

SIC जिला अस्पताल के डॉक्टर आलोक ने यह बताया कि बस्ती को पैलिएटिव वार्ड मिल जाने से यहां के मरीजों को काफी सहूलियत होगी। पहले जटिल और गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को हम लोगों के द्वारा रेफर कर दिया जाता था। उनको लखनऊ, गोरखपुर या अन्य जाकर इलाज कराना पड़ता था।

इससे लोगों को आने जाने में परेशानी और लंबी दूरी का सामना करना पड़ता था। लेकिन, अब बस्ती में ही उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज मिल सकेगा।एक पैलिएटिव वार्ड को बनाने के लिए सरकार की ओर से हर अस्पताल को 15 लाख रुपये दिये जाएंगे। इसमें स्थापना के लिए उपकरणों तथा वार्ड में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं संबंधी सामग्री की व्यवस्था भी की जाएगी।

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पैलिएटिव वार्ड क्या होता है? :-

पैलिएटिव केयर कैंसर, एड्स, हृदय, गुर्दा फेल या कोमा के मरीजों को दर्द से राहत प्रदान करने के लिए प्रदान किया जाता है। दरअसल इसमें कुछ रोगियों को उनकी देखरेख के साथ-साथ उन्हें कुछ दवाएं भी दी जाती हैं जिससे उन्हें आराम मिलता है। संक्रमण से बचाने के लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाएं भी नियमित रूप से दी जाती हैं।

जिससे उसकी परेशानी समय के साथ न बढ़े। असहनीय पीड़ा से गुजर रहे मरीजों की देखभाल करने के लिए नर्सिंग स्टाफ 24 घंटे इसकी सेवा में रहता है। मनोचिकित्सक, योग विशेषज्ञ, डायटीशियन आदि की टीम मरीजों के जीवन को सरल और पीड़ा को कम करने का काम भी करती है।

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