प्रधानमन्त्री एवं सभी मुख्यधाराओं के दल इस देश को खा जायेंगे।

267


भृष्ट नेता एवं नौकरशाह इन्हे बुलाते हैं वो भी बिना आवश्यकता के और यहाँ आकर ये स्थानीय व्यापार को निगल जाते हैं।

इतिहास के तीन बड़े उदाहरण :-

पहला

1978 में जब COCA COLA को बाहर का रास्ता दिखाया तो सरदार मोहन सिंह परिवार एवं चौहान परिवार के ब्रांड बाजार में पनपने लगे इससे पहले इनको पनपने भी नहीं दिया।
1990 के मध्य तक सरदार मोहन सिंह का कैम्पा कोला और चौहान परिवार के Thums Up, Limca, Gold Spot आदि ब्रांड के साथ जिला स्तर के भी बहुत सारे ब्रांड धूम मचा रहे थे।

दूसरा

राजीव गाँधी जी की हत्या के बाद एक ऐसी कोंग्रेसी सरकार बनी जिसने FDI के मार्ग खोल दिए और पेप्सिको एवं COCA COLA ने भारत के सॉफ्ट ड्रिंक के दिगज्जों को निगल लिया।
पहले से ही यहाँ बैठे HUL ने टाटा घराने के सौन्दर्य ब्रांड LAKME को निगल लिया।

तीसरा

आज के सवंघोषित प्रधानमंत्री की FDI बुलाने की गति मनमोहन से सैंकड़ो गुणी तेज है। जो टाटा, सरदार मोहन एवं चौहान परिवारों के उत्पादों को निगल गए उनके सामने आपकी औकात ही क्या है।

अब आपकी ही बारी है क्योंकि उन्हें अब रिटेल पर कब्जा करना है इसलिए प्रधानमंत्री से लॉकडाउन लगवाया हुआ है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here