एलन मस्क के ‘न्यूरोलिंक प्रोजेक्ट’ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है, आईं खतरनाक बाते सामने,प्रयोग में 15 से ज्यादा बंदरो की मौत:

291

एलोन मस्क की न्यूरोलिंक तकनीक इस साल अपना पहला मानव प्रत्यारोपण करेगी। अगर आप यह देखने के लिए उत्साहित हैं कि मस्क की ब्रेन चिप इंसानों पर कैसे काम करता है तो इस बात पता हमे जल्द ही चल सकता है पर हाल की खबर के अनुसार क्या होगा इस बात का इंतजार करना पड़ेगा।

कैसे हुई न्यूरोलिंक प्रोजेक्ट में बंदरो की मौत:

इंसान के दिमाग में चिप लगाकर उसे सोचकर कंट्रोल करने वाले एलन मस्क के ‘न्यूरालिंक प्रोजेक्ट’ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जिन 23 बंदरों में ‘न्यूरालिंक चिप’ टेस्टिंग के लिए लगाई गई थी उसमें से लगभग 15 बंदरों की मौत हो गई है।

इसे भी जरूर पढ़े – https://untoldtruth.in/क्या-सच-में-पुलवामा-हमला-ए/

इन बंदरों में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया डेविस में साल 2017 से 2020 के बीच चिप लगाई गई थी।दरअसल, जानवरों के अधिकार के लिए लड़ने वाले फिजिशियंस कमेटी फॉर रिस्पांसिबल मेडिसिन ग्रुप (पीसीआरएम) ने 700 से ज्यादा पेज के डाक्यूमेंट्स और दूसरे रिकॉर्ड्स को स्टडी किया। इसके बाद ये बात सामने आई कि जिन बंदरों में चिप लगाई गई वो कमजोर स्वास्थ्य प्रभावों से प्रभावित हुए। रिपोर्ट में ये भी कहा न्यूरालिंक चिप को बंदरों की खोपड़ी में छेद करके लगाया गया।

इसे भी पढ़ें-https://untoldtruth.in/insan-ke-dimag-me-chip-lagane-ki-taiyari-me-jute-arabpati-elon-musk/

साल 2016 में हुआ था ये प्रोजेक्ट:

ब्रेन-इंटरफ़ेस टेक कंपनी की स्थापना एलोन मस्क ने 2016 में की थी और इसकी चिप को अंततः इस साल मानव मस्तिष्क में प्रत्यारोपित किया जाना है। 2021 में माइंडपोंग खेलने वाले बंदर में इम्प्लांट एक्शन में नजर आया। न्यूरालिंक चिप की मदद से बंदर बस यह सोचकर खेल खेलने में सक्षम हो गया।

न्यूरालिंक प्रोजेक्ट को साल 2016 में शुरू किया गया था। इससे लोगों को सीरियस ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट से रिकवर करने के उद्देश्य से बनाया गया है। ये भी कहा गया है कि लोगों को इंटरनेट से कनेक्ट करके डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर को ठीक कर सकता है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार न्यूरालिंक इसी साल से ह्यूमन पर इसका ट्रायल शुरू करने वाला है। लेकिन, इस खुलासे के बाद इस प्रोजेक्ट पर आगे क्या असर होता , इस पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं।

क्या होता है दिमाग में लगाने वाली चीप:

Elon musk के Neurolink ने हाल ही में कहा है कि इंसान के मस्तिष्क में लगाए जाने वाली जो चिप है उस चिप के लिए रोजगार की आवश्यकता है। अगर जो लोग आना चाहे तो जोड़ सकते हैं केमिकल ट्रायल के लिए डॉक्टर और इंजीनियर चाहिए जो क्लीनिकल ट्रायल करने में सक्षम हो। यह एक ऐसी चिप होती है,

जिसे किसी के दिमाग में लगाकर उसके दिमाग में क्या चल रहा है इस बात का हमें पता चल सकता है,और वह क्या सोच रहा है यह भी। इस चिप को मनुष्य के साथ-साथ जानवरों के दिमाग में भी लगा सकते हैं,और समझ सकते हैं कि वो क्या सोच रहे हैं।

इसने इन प्रयोगों का जनता के लिए open कर दिया है ।इसने इस चिप का प्रयोग बंदर और दूसरा सूअर में किया था। जिस बंदर और सूअर पर प्रयोग किया गया है उसका नाम Pager और सूअर का नाम Gertrude था। Pager और Gertrude नाम से बंदर और सूअर है जिनके दिमाग में यह चिप लगाई गई और प्रयोग किया गया। बंदर को वीडियो गेम खेलने की ट्रेनिंग दी गई और बंदर जस्टिक लेकर वीडियो गेम खेल रहा था अभी बंदर के दिमाग में चिप नहीं लगाई गई थी, बिना चिप लगाए ही पहले ट्रेनिंग दी जा रही थी,और डॉक्टर बैठकर बंदर के दिमाग में जो रीडिंग चल रही थी उनकी रीडिंग लेते जा रहे थे, की किस प्रकार से इसका दिमाग कार्य कर रहा है और इसके बाद जॉयस्टिक लगाया गया पर थोड़ी देर मे जॉय स्टिक को भी हटा दी गई और वीडियो गेम चालू कर दिया गया और अब बंदर के दिमाग में चिप डालकर उससे गेम को शुरू कराया गया और वह बंदर गेम खेलने में सक्षम हो गया।

वर्डप्रेस में आर्टिकल कैसे लिखे:https://youtu.be/60SKPwFgUDI

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here