Important Highlight Union Budget 2023-24

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Union Budget


वर्ष 2023 – 24 की Union Budget पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मैं वर्ष 2023-24 का बजट Budget प्रस्तुत करती हूं। यह अमृत काल में पहला बजट है ।

वित्त मंत्री ने कहा कि:-

  1. हम समृद्ध एवं समावेशी भारत की परिकल्पना करते हैं जिसमें विकास के सभी सुफल देश सभी क्षेत्रों और नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, अन्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक पहुंचे।
  1. हमारी आजादी के 75वें साल में दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ‘चमकता सितारा’ माना है। चालू वर्ष का हमारा आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत पर होने का अनुमान लगाया गया है। इसलिए, भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और चुनौतियाँ का समय होने के बावजूद, उज्ज्वल भविष्य की दिशा में बढ़ रही है।
  2. आज जबकि भारत के लोग अपना मस्तक ऊंचा करके खड़े हैं, और दुनिया भारत की उपलब्धियों और कामयाबियों की सराहना कर रही है, हमें पूरा विश्वास है कि हमारे जिन महापुरुषों ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी वे आगे बढ़ती हमारी कोशिशों को आनंदित होकर आशीर्वाद दे रहे होंगे।
  3. हमने ‘ सबका प्रयास ‘ के माध्यम से व्यापक सुधारों और ठोस नीतियों के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया है । दुनिया में भारत का कद कई शानदार उपलब्धियों की वजह से बढ़ा है अद्वितीय विश्वस्तरीय डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर यानि आधार, को-विन और UPI अभूतपूर्व पैमाने और रफ्तार से कोविड टीकाकरण अभियान, अग्रिम मोर्चा जैसे कि जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल करना, मिशन लाइफ, और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में अत्यधिक सक्रिय भूमिका इनके उदाहरण हैं।
  4. कोविड-19 महामारी के दौरान हमने 80 करोड़ से अधिक लोगों के लिए 28 महीनों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने की योजना के साथ सुनिश्चित किया कि कोई भूखा न सोए । खाद्य एवं पोषणगत सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए हम पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत अगले एक वर्ष के लिए सभी अन्त्योदय और प्राथमिकता प्राप्त परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने की योजना 1 जनवरी 2023 से लागू कर रहे हैं। इसके लिए लगभग ₹2 लाख करोड़ से अधिक के संपूर्ण व्यय का वहन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा ।

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वर्ष 2014 से उपलब्धियां: किसी को पीछे न छोड़ते :-

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के लिए बेहतर कवालिटी की जिन्दगी और इज्जत की जिन्दगी सुनिश्चित की है। ये भी बताया की प्रति व्यक्ति आय दुगुनी से भी अधिक होकर ₹ 1.97 लाख हो गई है।

  • अब ऐसा सच में हुआ है या नही ये आप लोग अपने आस पास और खुद को देख कर समझ सकते है ।
  • इन नौ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ा है और यह दुनिया की 10 वीं से 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
  • लक्षित लाभों को सबके लिए सुलभ करने के साथ अनेक योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप समावेशी विकास संभव हुआ है।

कुछ योजनाएं इस प्रकार हैं :-

(i) स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ शौचालय, परिवारों में

(ii) उज्जवला योजना के अंतर्गत 9.6 करोड़ LPG कनेक्शन,

(iii) 102 करोड़ लोगों का 220 करोड़ कोविड टीकाकरण,

(iv) 47.8 करोड़ PM जन धन बैंक खाते,

(v) PM सुरक्षा बीमा और PM जीवन ज्योति योजना के तहत 44.6 करोड़ व्यक्तियों के लिए बीमा कवर, और PM किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 11.4 करोड़ से अधिक किसानों को ₹ 2.2 लाख करोड़ का नकद अंतरण ।

अमृत काल के लिए संकल्पना- सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था:-

  1. वित्त मंत्री ने बताया कि अब साला 7 लाख तक कमाने वाले लोगो पर कोई टैक्स नहीं लगेगा । जो की पहले 5 लाख तक कमाने पर देना पड़ता था । उनका कहना है कि इससे मिडिल क्लास परिवारों को थोड़ा रहता मिलेगा ।

2. अमृत काल के लिए हमारी संकल्पना में, सुदृढ़ लोक वित्त, और सशक्त वित्तीय क्षेत्र के साथ, प्रौद्योगिकी-चालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। यह हासिल करने के लिए सबका साथ सबका प्रयास के माध्यम से जन भागीदारी अनिवार्य है।

3. इस विजन को हासिल करने के लिए आर्थिक एजेंडा में तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित किया गया है:-

पहला – नागरिकों, विशेषकर युवा वर्ग को, अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराना।

दूसरा – विकास और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देना ।

तीसरा – वृहद आर्थिक सुस्थिरता को सुदृढ़ करना ।

4. हमारी यात्रा में ध्यान दिए जाने वाले इन क्षेत्रों के लिए काम करने के लिए हमारा मानना है कि अमृत काल के दौरान निम्नलिखित चार मौके रूपांतरकारी हो सकते हैं:-

(i)-महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरणः

दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों से जोड़ कर असाधारण कामयाबी हासिल की है। हम इन समूहों को बड़े उत्पादन उद्यमों या समूहों, जिनमें से प्रत्येक में कई हजार सदस्य होंगे और जिन्हें पेशेवर तरीके से संचालित किया जाएगा, के गठन के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण के अगले चरण तक पहुंचने में सक्षम बनाएंगे।

कच्चे माल की आपूर्ति के साथ और उनके उत्पादों की बेहतर डिजाइन, गुणवत्ता, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए उनकी सहायता की जाएगी। अनुसमर्थक नीतियों के साथ उन्हें इस बात के लिए सक्षम बनाया जाएगा कि वे बड़े उपभोक्ता बाजारों में सेवा देने के लिए अपने प्रचालनों का दायरा बढ़ाएं जैसा कि कई स्टार्ट-अप्स के तरक्की करके ‘यूनिकार्न’ में बदलने के मामले में हुआ है।

(ii) PM विश्वकर्मा कौशल सम्मान (PM विकास) :-

सदियों से अपने हाथों से औजारों के सहारे काम करने वाले पारम्परिक कारीगरों और शिल्पकारों ने भारत का नाम रोशन किया है। उन्हें सामान्यतया विश्वकर्मा के नाम से संबोधित किया जाता है । उनके द्वारा बनाई गई कलाकृति और हस्तशिल्प आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना को निरूपित करते हैं। 9768 बार उनके लिए सहायता पैकेज की संकल्पना बनाई गई है। यह नई स्कीम उन्हें अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार लाने, उन्हें MSME वैल्यू चेन के साथ एकीकृत होने में सक्षम बनाएगी।

(iii) पर्यटनः-

हमारे देश में घरेलू के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थानों की भरमार है। पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं जिनका उपयोग किया जाना है। इस क्षेत्र में विशेषकर युवाओं के लिए नौकरियों एवं उद्यमिता के शानदार मौके हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य, राज्यों की सक्रिय सहभागिता, सरकारी कार्यक्रमों से समन्वय और पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी के साथ, मिशन मोड में किया जाएगा।

(iv) हरित विकासः-

हम हरित ईंधन, हरित ऊर्जा, हरित खेती, हरित मोबिलिटी, हरित भवन और हरित उपस्कर के लिए अनेक कार्यक्रम और विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए नीतियां क्रियान्वित कर रहे हैं। हरित विकास के ये प्रयास अर्थव्यवस्था की कार्बन सघनता को कम करने में सहायता पहुंचाते हैं और हरित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नौकरियों के मौके उपलब्ध कराते हैं।

Union Budget

इस Union Budget की प्राथमिकताएं:-

इस बजट में निम्नलिखित सात प्राथमिकताएं अपनाई गई हैं। वे एक-दूसरे का सम्पूरण करती हैं और अमृत काल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करते हुए ‘सप्तर्षि की भांति कार्य करती हैं।

  1. समावेशी विकास
  2. अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना
  3. अवसंरचना एवं निवेश
  4. सक्षमता को सामने लाना
  5. हरित विकास
  6. युवा शक्ति
  7. वित्तीय क्षेत्र

प्राथमिकता :-

“सबका साथ सबका विकास” के सरकार के सिद्धांत ने विशेष रूप से किसानों, महिलाओं, युवा लोगों, अन्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियाँ, दिव्यांगजनों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को कवर करते हुए समावेशी विकास संभव किया है। जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर पर भी निरंतर ध्यान दिया गया है। यह बजट उन प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।

एक खुले स्रोत खुले मानक और अंतर-प्रचालन- योग्य लोक हित के रूप में कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। इससे फसल नियोजन एवं स्वास्थ्य के लिए संगत सूचना सेवाओं, फार्म इनपुट के प्रति बेहतर सुलभता, ऋण एवं बीमा, फसल आकलन के लिए सहायता, मार्केट इंटेलीजेंस और एग्रीटेक इंडस्ट्री एवं स्टार्ट-अप्स के विकास के लिए समर्थन के माध्यम से समावेशी किसान-केंद्रित समाधान संभव हो पाएंगे।
अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो आगे चल कर ही समझ आएगा ।

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युवा उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री-स्टार्ट-अप्स खोल सकें, इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कृषि वर्धक निधि स्थापित की जाएगी। इस निधि का उद्देश्य किसानों के सामने पेश आ रही चुनौतियों का नवोन्मेषी एवं किफायती समाधान उपलब्ध कराना है यह कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता एवं लाभप्रदता को बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियां भी लेकर आएगी।

अतिरिक्त लंबे रेशेदार कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए हम पब्लिक प्राइवेट भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से क्लस्टर आधारित और वैल्यू चेन दृष्टिकोण अपनाएंगे। किसानों, राज्य और इंडस्ट्री के परस्पर सहयोग से इनपुट आपूर्ति एक्सटेंशन सेवाओं, और मार्केट लिंकेजों की व्यवस्था की जाएगी।

आत्मनिर्भर बागवानी स्वच्छ पाँध कार्यक्रम:-

हम ₹2,200 करोड़ के परिव्यय से हाइ वैल्यू बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्त, गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।

मिलेट के लिए वैश्विक केन्द्र श्री अन्न’:-

माननीय प्रधान मंत्री ने कहा, “भारत मिलेट को लोकप्रिय बनाने के कार्य में सबसे आगे है जिसकी खपत से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को बढ़ावा मिलता है”।

हम दुनिया में ‘श्री अन्न’ के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं। हम कई प्रकार के श्री अन्न उगाते हैं जैसे कि ज्वार, रागी, बाजरा, कुडु, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा। इनके ढेरों स्वास्थ्य फायदे हैं, और यह सदियों से हमारे भोजन का मुख्य अंग बने रहे हैं। मैं इन श्री अन्न को उगा कर देशवासियों की सेहत में योगदान करने वाले छोटे किसानों द्वारा की गई उत्कृष्ट सेवा के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करती हूं।

अब भारत को ‘श्री अन्न’ के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा जिससे कि यह संस्थान सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों, अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा कर सके।

कृषि ऋण के लक्ष्य को पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए₹20 लाख करोड़ तक बढ़ाया जाएगा।

हम ₹6,000 करोड़ के लक्षित निवेश के साथ पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू करेंगे ताकि मछुआरे, मछली विक्रेता, सूक्ष्म तथा लघु उद्यम अपने कार्य में और अधिक सक्षम बन सकें, मूल्य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जा सके और बाजार का विस्तार किया जा सके।

किसानों, विशेष रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए तथा अन्य वंचित क्षेत्रों के लिए सरकार सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा दे रही है। ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को हासिल करने के अधिदेश

के साथ एक नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था। इस विजन को साकार करने के लिए सरकार ने पहले ही ₹2,516 करोड़ के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों (पीएसीएस) के कंप्यूटरीकरण का कार्य शुरू किया है। सभी हितधारकों एवं राज्यों के साथ परामर्श करके पीएसीएस के लिए मॉडल उप-नियम तैयार किए गए थे ताकि वे बहुद्देशीय पीएसीएस बनने में सक्षम हो सके। सहकारी सोसाइटियों के देशव्यापी मानचित्रण के लिए एक राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।

इस पृष्ठभूमि के साथ हम व्यापक विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बनाने के लिए एक योजना कार्यान्वित करेंगे। इससे किसानों को अपने उत्पादों का भंडारण करने और उचित समय पर उनकी बिक्री करके लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में कवर नहीं किए गए पंचायतों में बड़ी संख्या में बहुद्देश्यीय सहकारी सोसाइटियों, प्राथमिक मत्स्यन सोसाइटियों और डेयरी सहकारी सोसाइटियों की स्थापना करने हेतु सुविधा प्रदान करेगी।

मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज :-

वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सह- स्थानों में एक सौ सतावन नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन:-

वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया का उन्मूलन करने के लिए एक मिशन की शुरुआत की जाएगी। इसमें प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में जागरुकता सृजन, 0-40 वर्ष के आयु वर्ग के 7 करोड़ लोगों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगपरक प्रयासों के माध्यम से काउंसलिंग का कार्य किया जाएगा।

चिकित्सा अनुसंधान:-

सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चुनिंदा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी तथा निजी मेडिकल कॉलेज संकाय तथा निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास दलों को अनुसंधान के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी।

फार्मा नवाचार

फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। हम विशिष्ट प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास में निवेश के लिए उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेंगे।

चिकित्सा उपकरणों हेतु बहुविषयक पाठ्यक्रम

मौजूदा संस्थानों में चिकित्सा उपकरणों हेतु पूर्ण समर्पित बहु विषयक पाठ्यक्रमों का बढ़ावा दिया जाएगा ताकि भविष्यत्कालिक चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उच्च कोटि के विनिर्माण तथा अनुसंधान के लिए कुशल मैनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

अध्यापकों का प्रशिक्षण :-

नवोन्मेषी शिक्षा विज्ञान, पाठ्यचर्या संव्यवहार, सतत पेशेवर विकास, डिपस्टिक सर्वेक्षण और आईसीटी कार्यान्वयन के माध्यम से अध्यापकों का प्रशिक्षण पुनः परिकल्पित किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को जीवंत उत्कृष्ठ संस्थानों के रूप में तैयार किया जाएगा।

बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय :-

बच्चों और किशोरों के लिए अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें विभिन्न उपकरणों के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। राज्यों को उनके लिए पंचायत तथा वार्ड स्तरों पर प्रत्यक्ष पुस्तकालय स्थापित करने और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय संसाधनों तक पहुंच बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय :-

अगले तीन वर्षों में केन्द्र 3.5 लाख जनजातीय छात्रों के लिए चलाए जा रहे 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए 38,800 अध्यापक और सहायक कार्मिक नियुक्त करेगा।

सूखा प्रवण क्षेत्रों के लिए जल :-

कर्नाटक के सूखा प्रवण मध्य क्षेत्र में संधारणीय सूक्ष्म सिंचाई सुविधा मुहैया करने तथा पेयजल के लिए बहिस्तल टैंकों को भरने के लिए ऊपरी भद्रा परियोजना को ₹5,300 करोड़ की केंद्रीय सहायता दी जाएगी।

पीएम आवास योजना :-

पीएम आवास योजना के लिए परिव्यय बढ़ाकर ₹ 79,000 करोड़ से अधिक कर दिया गया है। 66 प्रतिशत

भारत साझा पुरालेख निधान (भारत श्री)

‘भारत साझा पुरालेख निधान एक डिजिटल पुरालेख संग्रहालय में प्रथम चरण में एक लाख प्राचीन पुरालेखों के डिजिटलीकरण के साथ स्थापित किया जाएगा।

निर्धन कैदियों को सहायता :-

जेल में बंद ऐसे निर्धन व्यक्तियों, जो जुर्माना या जमानत राशि की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं, को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

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