पेपरलीक और बेरोजगारी को लेकर दौड़ लगा रहे विधायक: जयपुर के सेंट्रल पार्क में शाम तक लगातार दौड़ेंगे, बोले- सरकार को ताकत दिखाएंगे बहरोड़ निर्दलीय विधायक बलजीत यादव 10 माह बाद फिर से सेंट्रल पार्क के रनिंग ट्रैक पर हैं। इस बार भी बलजीत राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सेंट्रल पार्क में दौड़ लगा रहे हैं। बलजीत ने सुबह 7:09 पर रनिंग शुरू की और उसके बाद से लगातार दौड़ रहे हैं।
बलजीत ने बताया- बेरोजगारी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। राज्य और केंद्र सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। भर्तियों में राजस्थान के युवा पिछड़ते जा रहे हैं। बाहरी राज्यों के युवा प्रदेश में आकर नौकरी पा रहे हैं। कई राज्य ऐसे हैं, जहां पर बाहरी राज्यों के बेरोजगार युवकों को भर्ती में शामिल नहीं किया जाता। राजस्थान में बाहरी राज्यों के बेरोजगार युवकों को भी लिया जाता है। इससे राजस्थान का मूल युवा बेरोजगार ही रह जाता है। कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा हुई। पेपर लीक हो जाने से सब कुछ खत्म हो जाता है। इसी के विरोध में आज सुबह से और शाम तक सूर्यास्त तक सेंट्रल पार्क में रनिंग कर रहा हूं। विरोध के इस अनोखे तरीके को देखते हुए बड़ी संख्या में विधायक समर्थक भी सेंट्रल पार्क में मौजूद हैं। जो उनके साथ ही सेंट्रल पार्क में दौड़ रहे हैं।
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आगे पढ़िए बलजीत यादव से भास्कर की खास बातचीत…
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सवाल- 10 महीने बाद क्यों फिर से रनिंग ट्रैक पर आना पड़ रहा है?
जवाब– सरकार जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी, यह लड़ाई जारी रहेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि हम एक न एक दिन सरकार को झुकाएंगे। मजदूर बेरोजगार किसानों की मांगों को पूरा करवा पाएंगे।
सवाल- 10 माह पहले जिन मुद्दों को लेकर आप दौड़े थे, क्या वह मांग पूरी हो चुकी है?
जवाब– सरकार सिर्फ आश्वासन देती रही। किसी भी प्रकार के मुद्दों को पूरा नहीं किया गया। राजस्थान के युवाओं के हक पर डाका डाला जा रहा है। सरकार ने इस विषय को लेकर किसी भी प्रकार की कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। देश के 22 राज्यों में राजस्थान के युवाओं को एक भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ये 22 राज्यों ने पॉलिसी बनाकर दूसरे स्टेट के बेरोजगार युवकों को भर्ती में नहीं ले रहे, जबकि राजस्थान में दूसरे स्टेट के युवक राजस्थान के युवा का हक खा रहे हैं। राजस्थान सरकार भी बिल लेकर आए, ताकि इससे बाहरी राज्यों के युवकों को यहां रोजगार न मिले।
यहां के बेरोजगार युवक सरकारी नौकरी पाएं। सरकार से कहा गया है कि वह 5 लाख भर्तियां निकालें। 2 महीने में परीक्षा कराएं, 4 महीने में रिजल्ट दें। 6 महीने में नौकरियां दे दें ।
सवाल- आप की सरकार है। आप खुद विधायक हैं। पेपर लीक हुए। भर्तियों को लेकर लोग कोर्ट पहुंच गए। इससे भर्तियों का फायदा बेरोजगार युवकों को नहीं मिला?
जवाब– मैंने पहले भी कहा है कि पेपर लीक की घटनाओं पर रोक लगे। अभी भी कह रहा हूं। बड़ी मछलियों को पकड़ो। छोटे को पकड़कर कुछ नहीं होगा। सरकार ने सिर्फ खानापूर्ति की है।
सवाल- किरोड़ी लाल मीणा भी आप ही जैसे मुद्दे को लेकर 11 दिन से धरने पर बैठे हैं। आपके विरोध करने का तरीका किरोड़ी लाल मीणा के तरीके से कितना अलग है?
जवाब– मैं संविधान में विश्वास रखता हूं। मैं नहीं चाहता कि पब्लिक को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी हो। मैं केवल गांधीवादी तरीके से संविधान के दायरे में रहकर विरोध व्यक्त करना चाहता हूं। हम गांधी जी के पद चिन्हों पर चलकर केंद्र और राज्य सरकार को झुकाएंगे।
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अगर वह भी चमकाना चाहते हैं तो दौड़ लें। दौड़ से उन्हें कौन रोक रहा है। बेईमानी का खाते हैं। इसलिए आरोप लगाना आसान है। आरोप तो किसी पर भी लगा दो ।