पुलवामा हमले की बरसी पर 14 फरवरी को होगा राष्ट्रीय बलिदान सम्मान समारोह

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पुलवामा

राष्ट्रीय बलिदान सम्मान समारोह:-

पुलवामा हमले की जगह मुरैना में बलिदानियों की भूमि पर देश के लिए सब कुछ कुर्बान कर देने वाले हमारे देश के जवान भाइयों के लिए इस बार 14 फरवरी को राष्ट्रीय बलिदान सम्मान समारोह का आयोजन होगा। जिसमे हमारे देश को अंग्रेजो से आजादी दिलाने वाले भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद , राजगुरु, सुखदेव और बिस्मिल आदि के स्वजन भी आएंगे।

मुरैना गाँव :-

पुलवामा

बलिदानियों की भूमि कहे जाने वाले मुरैना के तरसमा गांव में पुलवामा आतंकी हमले की बरसी के दिन 14 फरवरी को राष्ट्रीय बलिदान सम्मान समारोह का आयोजित किया जाएगा। आयोजन में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला सहित कई बलिदानियों के स्वजनों भी शामिल होंगे। आयोजन की तैयारियों में गांव के हर परिवार के लोगो से लेकर सेना में मौजूद गांव के जवान भी तन, मन, धन से जुटे हुए है।

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पुलवामा हमला :-

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आपको बता दे कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में हमारे 40 जवान बलिदान हो गए थे। इन्ही की याद में पोरसा तहसील के तरसमा गांव स्थित पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ग्राउंड में राष्ट्रीय बलिदान सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

इसमें बलिदानी भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेंद्र सिंह जी , पंडित चंद्रशेखर आजाद के प्रपौत्र अमित आजाद जी , अशफाक उल्ला खान के नवासे अशफाक खान जी, सुखदेव थापर जी , राजगुरु और पंडित रामप्रसाद बिस्मिल जी के स्वजन भी शामिल होंगे। इनके अलावा तरसमा गांव के 15 बलिदानियों के परिवारों को भी सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान वीर रस और देशभक्ति से ओतप्रोत कर देने वाली राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन होगा।

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इस गांव का हर युवा जाना चाहता है सेना में :-

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आपको बता की तरसमा गांव में करीब 515 परिवार हैं, जिनमे से यहां के परिवारों के 510 से ज्यादा युवा देश की सेनाओं में सेवाएं दे रहे हैं और इसी गांव के 15 जवान अब तक वीरगति को प्राप्त हो चुके हैं और इसीलिए तरसमा को बलिदानियों की भूमि कहा जाता है।

इस गांव के युवा शुरुआत से ही दौड़ व कसरत कर सेना में जाने की तैयारी में जुटे रहते हैं।आयोजन के प्रभारी अंकित सिंह तोमर जी ने बताया कि इस सम्मान समारोह की जानकारी हमने नेताओं को भी दी, लेकिन किसी से सहयोग नहीं मिला।

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गांव के लोग ही उठा रहे है पूरा खर्चा :-


इस समारोह का पूरा खर्चा शहीदों के परिवार जन, ग्रामीण के लोग , सैनिकों के परिवार व अन्य युवा जन उठा रहे हैं। चंबल के युवा देश की सभी सेनाओं में सेवाएं दे रहे हैं। यह आयोजन उन सैनिकों व बलिदानियों के सम्मान में है, जिन्हे हमेशा याद रखा जाएगा।

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