Basti News: बस्ती के फर्जी नर्सिंग कॉलेज के मामले में संचालक समेत 11 लोगों पर दूसरा केस दर्ज

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Basti News: यूपी के बस्ती से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां जालसाजों ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए फर्जी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट की स्थापना की है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस साजिश को कई सालों तक प्रशासन के द्वारा न जाने क्यों नहीं पहचाना गया, लेकिन अब जब यह मामला सामने आया है, तो कार्रवाई के प्रति ध्यान दिया जा रहा है।

सत्यांजलि पैरामेडिकल कॉलेज हर्दिया नामक एक फर्जी शिक्षण संस्थान का खुलासा हुआ है, जिसे संचालित करने वाले 11 लोगों के खिलाफ नामजद अन्य अज्ञात पर बुधवार को एक और केस दर्ज किया गया हैं। शालिनी वर्मा, जो कि कप्तानगंज थानाक्षेत्र के पटखौली निवासी हैं, ने इस मामले में एक दर्ज कराया है। उन्होंने दावा किया है कि इस फर्जी विद्यालय ने ‘एएनएम’ कोर्स के लिए दाखिला दिया गया है, जबकि वास्तविकता में ऐसा कोई कोर्स उपलब्ध नहीं था।

सभी छात्रों को दी गई फर्जी मार्कशीट :-

छात्रों ने एक फर्जी मार्कशीट प्राप्त की और जब उन्होंने पैसा वापस मांगा तो कालेज के प्रबंधक ने उन्हें आत्महत्या करने की धमकी दी, जिसके कारण वे कालेज से भाग गए।

इस मामले में, उप प्रबंधक मो. वासिम, टेमा रहमत (खलीलाबाद जनपद सन्तकबीरनगर के निवासी), फुरकान (खलीलाबाद जनपद सन्त कबीर नगर के निवासी), अशुतोष कनौजिया, संस्थापक सत्यप्रकाश पटेल की महिला मित्र रुपम पटेल, गुलशन फातिमा (मो. वासिम की पत्नी), बरगदवा थाना कोतवाली के निवासी कालेज संस्थापक सत्यप्रकाश पटेल, डॉक्टर राम अशीष यादव, वीके यादव, पीयूष पांडेय, गायत्री वर्मा, और कई अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

इससे पहले भी, छात्रा लक्ष्मी गुप्ता, जो जिगिना धाम थाना इटवा सिद्धार्थनगर के निवासी हैं, ने हरदिया थाना कोतवाली के नाम पर तहरीर दर्ज की थी, जिस पर पुलिस ने कालेज संस्थापक सहित 7 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें सत्यप्रकाश पटेल, मो. वासिम आदि लोग शामिल हैं। तो यह जानते हैं क्या है पूरा विवाद? इस मसले को जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

जानिए क्या है पूरा मामला? :-

बस्ती जिले के कोतवाली क्षेत्र में सरदार पटेल हॉस्पिटल एंड पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में कोर्स कर रहे 500 से ज्यादा छात्र छात्राओं ने डीएम को शिकायती पत्र देकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली में तहरीर के पश्चात पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल करने में जुट गई है। तहरीर में बहुत सारे स्टूडेंट्स ने बताया कि 2020-2021 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र में हर्दिया चौराहे के पास स्थित सरदार पटेल हॉस्पिटल एंड पैरामेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया।

सभी स्टूडेंट्स का आरोप है कि 3 साल से सरदार पटेल हॉस्पिटल एंड पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में कोर्स कर रहे सारे स्टूडेंट्स को पढ़ने के बाद फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर की मार्कशीट भी उन्हें नहीं दी गई।छात्रावास से निकलने के कुछ महीने बाद सभी बच्चे अपना पैसा वापस मांगने लगे। तब दाखिला देने वालों ने टाइम मांगा। इसके पश्चात उन सभी स्टूडेंट्स का बिना पूछे उनका दाखिला आगरा के किसी कॉलेज में करवा दिया, परन्तु वहां भी उनकी फीस जमा नहीं की गई।

इस पर इन सभी स्टूडेंट्स को कहा गया कि फीस जमा करिए नहीं तो आप कहीं भी 2 साल दाखिला नहीं ले पाएंगे। कॉलेज में दाखिला लेने वाली स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें झांसा दिया गया कि आंध्र प्रदेश के किसी यूनिवर्सिटी में आप लोगों का एडमिशन करवाया जाएगा।

फीस वसूली करते थे वसीम और एसपी नाम के दो युवक :-

वसीम और एसपी नाम के दो संचालक बच्चों से न सिर्फ फीस की वसूली करते रहे और सैंकड़ों बच्चों के भविष्य को चौपट कर दिया। यहां की तस्वीर आपको चौका देगी, उन्होंने छोटी सी दुकान के भीतर एक गुप्त कक्षा स्थापित की थी। जिससे किसी को कोई शक न हो। कि यहां बच्चे पढ़ते हैं। वे केवल अपनी फीस लेते रहे और इस तरीके से लाखों बच्चों के भविष्य को नष्ट कर दिया।

अपने भविष्य को लेकर चिंतित सारे स्टूडेंट्स ने कूड़े से निकालकर उन सभी की कापियों को दिखाया जो कभी चेक ही नहीं हुईं। उन बच्चों को फर्स्ट ईयर का फर्जी मार्कशीट पकड़ा दिया गया। अभ्यर्थियों ने उनके भविष्य के साथ किए गए खिलवाड़ के लिए कॉलेज संस्थापक समेत अन्य सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। पुलिस जांच-पड़ताल में जुट गई है।

इस मामले में क्या कहना है अधिकारियों का :-

डीएम प्रियंका निरंजन ने इस मामले को लेकर कहा कि नर्सिंग कोर्स कर रही कुछ छात्र-छात्राएं उनके पास शिकायत लेकर आई थीं। इन छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि फर्जी कॉलेज खोलकर उन्होंने उन लोगों से ठगी की है। इस मामले में शासन संचालित पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता प्राप्त सूची मनाई जा रही है और एक तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है।

इस टीम की जिम्मेदारी यह है कि वे इस मामले की जांच करें। इसके बाद जब रिपोर्ट आएगी, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगा।

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