भारत में आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या होती है?

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देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बताता है चुनाव आयोग के नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान इन सभी नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।

चुनाव के समय आचार संहिता (Code of Conduct) लागू की जाती है जिसे चुनाव आचार संहिता भी कहते है, ज्यादातर लोगों को आचार संहिता के विषय में कोई भी जानकारी नहीं होती है,कि आचार संहिता क्या होता है? यह कब लागू किया जाता है? इसे क्यूं लागू किया जाता है? आचार संहिता से होता क्या है? इन सबकी जानकारी न होने के कारण वह इसका उलंघन करते है |

भारत (India) में जब भी चुनाव का आयोजन होता है, वहां पर आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) को लगाया जाता है |और चुनाव की तारीखों के साथ ही इसकी घोषणा कर दी जाती है | यह तब तक लागू रहता है जब तक नतीजे ना आ जाए | इसके बारे में और जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा अच्छे से पढ़िएगा। और आगे हम इसकी जानकारी करवाते हैं।

इस समय राजनीतिक दलों और राजनेताओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है | जो कि अग्रलिखित है।

आचार संहिता के नियम व प्रावधान (Code of Conduct Rules) :

(1) आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन के प्रयोग पर रोक लगा दी जाती है, जिससे किसी राजनीतिक दल या राजनेता को चुनावी लाभ प्राप्त न हो सके |

(2) चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले और सरकारी किसी भी प्रकार की चीजों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है |

(3) मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए किसी भी प्रकार की सरकारी घोषणाओं, लोकार्पण, शिलान्यास पर रोक लगा दी जाती है | (4) पुलिस की अनुमति के बिना कोई भी राजनीतिक रैली नहीं की जा सकती है |

(5) धर्म के नाम पर वोट की मांग नहीं की जा सकती है |

(6) इस दौरान सरकारी खर्च से किसी भी तरह का ऐसा आयोजन नहीं किया जाता है जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ प्राप्त हो सके | राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है |

आचार संहिता कब से लागू होती है?

आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। देश के लोकसभा के चुनाव हर 5 साल पर होते हैं अलग-अलग राज्यों की विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते रहते हैं चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।

जैसे ही चुनाव की घोषणा होती है चुनाव आयोग कैमरे के सामने आते हैं यह चुनाव आयुक्त बात करना शुरू ही करते हैं अर्थात जैसे ऑनलाइन आते हैं उसी समय पर आचार संहिता लागू हो जाती है। आचार संहिता का मतलब यह है कि इनके बोलते हैं जितने भी राजनेता है वह किसी भी प्रकार से किसी भी घोषणा का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

आचार संहिता कब तक रहती है?

आचार संहिता चुनाव की प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है चुनाव की प्रक्रिया की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और सीटों की गिनती होने तक जारी रहती है। अर्थात् जब तक नतीजे घोषित ना हो जाए आचार संहिता खत्म नहीं होती है।

आचार संहिता से होता क्या है?

आचार संहिता का उद्देश्य पार्टियों के बीच मतभेद टालने, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराना होता है | इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी, केंद्रीय या राज्य की अपने आधिकारिक पदों का चुनावों में लाभ लेने हेतु गलत प्रयोग न कर सके | इस प्रकार मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट का माध्यम से चुनाव का समापन उचित प्रकार से करा लिया जाता है |

भारत के 5 राज्य में होने वाले हैं चुनाव :

भारत के 5 राज्य में चुनाव होने वाले हैं। यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल है। यूपी में 7 चरणों में मतदान होगा तथा बाकी के राज्यों में सिर्फ एक ही चरण में मतदान होगा। यूपी में पहला चरण 10 फरवरी को, दूसरा चरण 14 फरवरी को, तीसरा चरण 20 फरवरी को, चौथा चरण 23 फरवरी को, पांचवा चरण 27 फरवरी को, छठवां चरण 3 मार्च को, तथा सातवां चरण 7 मार्च को पूरा होगा। तथा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा। तथा मणिपुर में 3 मार्च को मतदान होगा।

2022 में राज्यों के चुनाव

यूपी चुनाव के विभिन्न चरण :

*यूपी चुनाव जिलेवार*👇🏻 *

पहला चरण :

10 फरवरी 2022 उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 15 जिलों की 73 सीटों पर चुनाव होंगे. जिले : शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज।

* दूसरा चरण :

14 फरवरी 2022 दूसरे चरण में 11 जिलों के 67 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे. जिले : सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, खेरी, शाहजहांपुर और बदायूं.

* तीसरा चरण :

20 फरवरी 2022 12 जिलों के 69 विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण के दौरान चुनाव होंगे. जिले : फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर.

* चौथा चरण :

23 फरवरी 2022 12 जिलों के 53 विधानसभा क्षेत्रों में चौथे चरण के दौरान चुनाव होंगे. जिले : प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली और चित्रकूट.

* पांचवां चरण :

27 फरवरी 2022 52 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण के दौरान 11 जिलों में चुनाव होंगे. जिले : बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, अमेठी और सुल्तानपुर.

* छठा चरण :

03 मार्च 2022 सात जिलों की 49 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण के दौरान मतदान संपन्न होंगे. जिले : महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ और बलिया.

* सातवां चरण :

07 मार्च 2022 7 जिलों की 40 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण में चुनाव होंगे. जिले : गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्रा और जौनपुर।

आचार संहिता

चुनावी आचार संहिता में क्या नहीं कर सकती सरकार?

(1) मुख्यमंत्री या मंत्री प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी का समय नहीं कर सकते हैं।

(2) सरकार किसी अधिकारी या कर्मचारी की ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं कर सकते हैं।

(3) सरकार विज्ञापन जनसंपर्क के लिए सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।

(4) नई योजना की शुरुआत, प्रोजेक्ट का उद्घाटन व शिलान्यास नहीं हो सकता है।

(5) मुख्यमंत्री या मंत्री सहारन वाली कार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

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वर्ष 2022 में पांच राज्यों में चुनाव की पांच बड़ी बातें :-

(1) चुनावी सभा, रेलिया नहीं होंगी केवल वर्चुअल प्रचार होगा।

(2) कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे। मरीजों को पोस्टल बैलट की सुविधा दी जाएगी।

(3)16% पोलिंग बूथ बनाए गए हैं 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं।

(4) पोलिंग बूथ मैक्सिमम वोटर्स 1250 से 1500 होंगे।

(5) चुनावी खर्च कि सीमा बड़े-बड़े राज्यों में अब 40 लाख रुपए खर्च किए जा सकेंगे।

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चुनाव आयोग की बड़ी बातें :-

(1) अपराधिक आरोप वाले उम्मीदवारों का इतिहास बताना होगा।

(2) उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भर सकेंगे।

(3) हर बूथ पर मास्क कर सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी।

(4) चुनाव मैं धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा।

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आचार संहिता के प्रतिबंध :-

(1) आचार संहिता नई योजना और निर्माण कार्यों पर लागू होती है।

(2) जन उपयोगी योजनाएं, जो पूरी होने की स्थिति में है वह नहीं रुकेंगे।

(3) जन उपयोगी योजनाओं को अधिकारी ही शुरु कर सकते हैं।

(4) पूरे हो चुके काम का भुगतान भी हो सकता है।

2022 के चुनाव में बढ़ाई गई सीमाएं :-

इस बार प्रत्याशियों को पैसा खर्च करने के लिए लिमिट बढ़ा दी गई है। 2022 में होने वाले MLA ( Member of Lesislative assembly) अर्थात राज्य विधानसभा के हो रहे हैं। इसमें पिछले चुनाव में यूपी जैसे राज्य में 28 लाख रुपए खर्च करने की अनुमति थी। और छोटे राज्य में 20 लाख रुपए खर्च कर सकते थे। पर अब बड़े राज्यों में यह बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया है। और छोटे राज्यों में यह 28 लाख कर दिया गया है।

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आचार संहिता के दौरान ज्यादा पैसा खर्च करने पर :-

अगर कोई भी प्रत्याशी आचार संहिता के दौरान उसके नियमानुसार उसकी बताई गई सीमा से अधिक पैसे खर्च कर रहा है तो representation of the people Act ( RPA ) 1951 section 77 के तहत इनमें जो सजा मिलती हैं इसमें अगर आरोप लगाने वाला व्यक्ति 30 दिनों के भीतर भीतर उसे यह बताना होगा कि कितना खर्चा हुआ। और आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने अगर रिकॉर्ड प्रसारित कर दिया। तो Section 10A के तहत लड़ने वाला प्रत्याशी या राजनेता 3 सालों तक Disqualify कर दिए जाएंगे। अब वह 3 सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे

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