भारत की पूर्व 47th CJI बोबडे का दावा : संस्कृत क्यों नहीं है आधिकारिक भाषा (Official Language)?

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भारत के पूर्व 47th CJI, (Chief Justice of India) शरद अरविंद बोबडे के द्वारा यह सवाल उठाया गया कि क्यों ना भारत में संस्कृत को Official Language बना दिया जाए। संस्कृत का उपयोग कोर्ट में करने समेत इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने की वकालत करते हुए पूर्व CJI बोबडे ने कहा कि 1949 की अखबारों में प्रकाशित खबरों के मुताबिक हमें पता चला है कि संविधान के निर्माता Dr. B. R. अम्बेडकर ने भी इसका प्रस्ताव रखा था।

नागपुर : भारत के पूर्व 47th CJI, (Chief Justice of India) शरद अरविंद बोबडे के द्वारा यह सवाल उठाया गया कि क्यों ना भारत में संस्कृत को Official Language बना दिया जाए।

संस्कृत का उपयोग कोर्ट में करने समेत इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने की वकालत करते हुए पूर्व CJI बोबडे ने कहा, कि 1949 की अखबारों में प्रकाशित खबरों के मुताबिक हमें पता चला है कि संविधान के निर्माता Dr. B. R. अम्बेडकर ने भी इसका प्रस्ताव रखा था।उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, कोर्ट में Official Language के रूप में हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग किया जाता है, तो क्यों ना संस्कृत को Official Language में शामिल कर लिया जाए।

Sanskrit as official language of Indian union

जिन्होंने अपना तर्क देते हुए कहा कि जिस तरह से इंग्लिश बहुत कम लोगों को आती है वैसे ही संस्कृत भी बहुत कम लोगों को आती है लेकिन संस्कृत के साथ 7 परसेंट जो क्षेत्रीय भाषाएं हैं इसमें बहुत से शब्द संस्कृत से निकलते हैं ऐसी स्थिति में English से ज्यादा संस्कृत को उनको मिलती जुलती भाषाएं लगेंगे तो क्यों ना संस्कृत को ही Official Language में शामिल कर लिया जाए।

संस्कृत को Official Language बनाने की वकालत :-

संस्कृत भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोबडे ने कहा कि हाई कोर्ट के स्तर पर आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, हालांकि, अनेक हाई कोर्ट को क्षेत्रीय भाषाओं में आवेदनों, याचिकाओं और यहां तक कि दस्तावेजों को स्वीकार करना होता है। बोबडे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा अनसुलझा रहना चाहिए। यह 1949 से लटका हुआ है।उन्होंने कहा कि 11 सितंबर, 1949 के अखबारों में खबर थी कि Dr. B. R. अम्बेडकर ने संस्कृत को भारत संघ की आधिकारिक भाषा बनाने की पहल की थी।

संस्कृत की शब्दावली हमारी अनेक भाषाओं में समान है। मैं स्वयं से यह प्रश्न पूछता हूं कि संस्कृत को आधिकारिक भाषा क्यों नहीं बनाया जा सकता, जैसा कि Dr. B.R. अंबेडकर ने भी प्रस्ताव रखा था। संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाने का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं पूर्व CJI वह बोबड़े ने कहा कि संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाने का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि 95% भाषा का किसी धर्म से नहीं बल्कि दर्शन, कानून, शिल्पकला, विज्ञान, खगोलशास्त्र, साहित्य, आदि से लेना-देना है।

उन्होंने कहा कि यह (संस्कृत) भाषा दक्षिण या उत्तर भारत की नहीं है और धर्मनिरपेक्ष उपयोग के लिए यह पूरी तरह सक्षम है। संस्कृत को Official Language बना दिया जाए। जब यह सवाल उठा तो बहुत सारे लोगों के मन में एक बेसिक जानकारी आती है वह यह कि संस्कृत भाषा एक मंत्र उच्चारण की भाषा है ऐसे ही बहुत से लोगों के मन में यह आता है कि रामचरित मानस जो तुलसीदास के द्वारा लिखी गई है वह संस्कृत भाषा में है जबकि रामचरितमानस को तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखा है।

बोबडे का कहना है संस्कृत को Official Language बना दिया जाए।

लोगों का मानना यह है कि संस्कृत केवल वेदो, ग्रंथों में ही ज्यादा प्रयोग में लिया गया। जबकि ऐसा नहीं है भारत में संस्कृत केवल 5% ही धर्म में काम आई है बाकी 95% आम बोलचाल भाषा में प्रयोग की गई है भारत की मूल भाषाएं जो भारत के अंदर क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं उनमें 60% भाषाओं का उद्गम संस्कृत से हुआ है।

इतना ही नहीं वह बड़े साहब ने यह भी बताया कि NASA के एक वैज्ञानिक ने खुद स्वीकार किया है कि यदि कोडिंग संस्कृत में की जाए तो सबसे आसान होगी क्योंकि यहां कम शब्दों में ही बहुत सारी बातें कही जा सकती हैं जो की बहुत सारी भाषाओं का उद्गम संस्कृत से हुआ है तो क्यों ना संस्कृत को ही आधिकारिक भाषा (Official Language) बना दिया जाए।

पूर्व CJI बोबडे का संस्कृत, हिंदी और इंग्लिश के बारे में कथन :-

बोबडे ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि 43.63 प्रतिशत नागरिक हिंदी बोलते हैं, वहीं केवल 6% प्रतिशत अंग्रेजी बोलते हैं, जो ग्रामीण इलाकों में तो महज 3% लोगों द्वारा बोली जाती है.उन्होंने कहा कि 41 प्रतिशत अमीर लोग अंग्रेजी बोलते हैं, वहीं गरीबों में इस भाषा को बोलने वाले लोगों की संख्या केवल 2% प्रतिशत है।बोबडे ने कहा कि संभवत: संस्कृत एकमात्र भाषा है, जो हमारी क्षेत्रीय भाषाओं के सह-अस्तित्व में रह सकती है, जिनमें से 22 संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘यह बात मैं भाषा विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद कह रहा हूं, जो इस बात से सहमत हैं कि भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में एक दूसरे के साथ संवाद करते समय कई संस्कृत शब्दों का उपयोग करते हैं। उर्दू सहित प्रत्येक क्षेत्रीय भाषा में संस्कृत मूल के शब्द हैं। असमिया, हिंदी, तेलुगु, बांग्ला और कन्नड जैसी भाषाओं में 60-70 प्रतिशत तक संस्कृत के शब्द होते हैं.’

संस्कृत क्यों नहीं है आधिकारिक भाषा (Official Language)?

हालांकि, बोबडे ने माना कि संस्कृत भाषा को अपनाना रातों-रात संभव नहीं है और इसमें कई साल लग सकते हैं।उन्होंने कहा, ‘इस भाषा को इस तरह पढ़ाना होगा कि इसके कोई धार्मिक निहितार्थ नहीं हैं। जिस तरह अंग्रेजी को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाता है। एक शब्दावली बनानी होगी और इस भाषा को राजभाषा अधिनियम में जोड़ना होगा.’

हिंदी क्षेत्रीय भाषाओं के खिलाफ नहीं :-

केंद्रीय मंत्री गृह मंत्रालय के तहत राजभाषा विभाग द्वारा तिरुवनंतपुरम में आयोजित क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि हिंदी क्षेत्रीय भाषाओं का मुकाबला या विरोध नहीं कर रही है। इसको धर्म से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदी एक ऐसी भाषा है जो भारत के लोगों द्वारा आसानी से समझी जाती है और कुछ लोग केवल राजनीतिक कारणों से इसका विरोध करते हैं। मिश्रा ने कहा कि वास्तव में हिंदी भारत की अपनी भाषा है और अन्य क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं की बहन हैं

भारत की अपनी राष्ट्रीय भाषा है या नहीं? :-

भारत में कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है। भारत में National Anthem है, National Flag है, National Flower है, National Tree है। लेकिन भारत के पास कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है।

भारत में Official Language 2 है।

(1) हिंदी जो कि मुंशी आयंगर फॉर्मूला से आई है।

(2) इंग्लिश जिसके बारे में कहा गया था कि आजादी के 15 साल बाद तक यह चलेगी लेकिन जब तक आवश्यकता होगी तब तक इसे प्रयोग करते रहेंगे।

आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं लिखी गई हैं जिन्हें Schedule Language कहा गया है यानी जिसे राजकाज में काम में लिया जा सकता है।

भारत के सुप्रीम कोर्ट की भाषा English है। तथा हाईकोर्ट की भाषा भी इंग्लिश है।

Justice बोबडे 2003 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने :-

इनका जन्म 24 अप्रैल 1956 नागपुर में हुआ था। जस्टिस बोबडे ने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। 2000 में मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। 2013 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति दी गई शरद अरविंद बोबडे एक भारतीय न्यायाधीश तथा वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं वह पूर्व में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबदे भरत के 47th मुख्य न्यायाधीश हैं।

वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें।

संस्कृत क्यों नहीं है आधिकारिक भाषा (Official Language)?

https://youtu.be/pqtulkL7edc

DG बंजारा ने भी कोर्ट में PLI की दायर :-

DG बंजारा के द्वारा कोर्ट में पीएलआई दायर की गई उन्होंने कहा संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाया जाए उनकी याचिका 2 सितंबर 2022 के अंदर रद्द हो गई। उनकी याचिका इसलिए हुई क्योंकि जज साहब ने दर्ज करने वाले से यह पूछ लिया कि क्या आप यहां पर याचिका दायर कर तो रहे हो लेकिन जो याचिका लाए हो उसे संस्कृत में Convert करके दिखा सकते हो।

हम इसको अधिकारिक भाषा बनाएं इससे अच्छा है संसद इसको प्रस्ताव लेकर आए और संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाएं। यह हमारे पास क्यों लेकर आए हो। तो DG बंजारा जो पूर्व में DG रह चुके हैं उन्होंने कहा कि Sir Article 32 आपको यह पावर देता है कि संविधान में जो दिक्कतें हैं उसे आप Resolve कर सकते हैं। यही कहकर डीजी बंजारा अपनी बात रखने गए थे हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया।

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