गोरखपुर में 11 एकड़ में बनेगा अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल, कालेसर प्वाइंट पर 120 एकड़ भूमि की तलाश हुई पूरी

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गीडा सीईओ पवन अग्रवाल द्वारा यह बताया गया कि कालेसर में 200 एकड़ में आवासीय और व्यावसायिक प्लाट अभी बनाए जाने बाकी हैं। इसी प्लाट में 11 एकड़ जमीन में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल विकसित किया जाना है। इसके लिए 120 एकड़ भूमि की तलाश की गई है, जिसे जल्द ही गोरखपुर के गीडा खरीद लेगा।

Gorakhpur News : गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में 200 एकड़ में आवासीय और व्यावसायिक प्लाट निकाले जाएंगे। इसी प्लाॅट की 11 एकड़ जमीन में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए गोरखपुर के गीडा ने मास्टर प्लान बनाना शुरू कर दिया है। एक कंसलटेंट कंपनी को इसके लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए गोरखपुर के गीडा प्रशासन ने कालेसर प्वाइंट पर 120 एकड़ भूमि की तलाश कर ली है, जिसे जल्द ही गीडा खरीद लेगा।

अब कालेसर से ही लखनऊ, वाराणसी की आसानी से करें यात्रा :-

जानकारी के अनुसार, शहर का विस्तार करीब गीडा तक हो गया है। गोरखपुर के गीडा को शहर का एंट्री प्वाइंट माना जा रहा है। इसके बाद गीडा के आवासीय प्लाॅट कुछ और गांवों में शुरुआत होने जा रहे हैं। जबकि, कालेसर से आगे बढ़ने पर औद्योगिक एरिया शुरू हो जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए गीडा प्रशासन ने कालेसर के पास 200 एकड़ में आवासीय और व्यावसायिक प्लाॅट तैयार करने का निर्णय लिया गया है।इसी प्लाॅट पर 11 एकड़ में गीडा ने अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनाने का निर्णय लिया गया है।

गीडा प्रशासन का यह मानना है कि शहर का विस्तार इस टर्मिनल के बनने से और बढ़ जायेगा। इसके साथ ही लोगों को औद्योगिक क्षेत्र से अन्य जगहों पर जाने के लिए शहर में आने की कोई जरूरत नहीं होगी। यहां के लोग अब कालेसर से ही लखनऊ, वाराणसी सहित कई अन्य जिलों की यात्रा आसानी से कर सकेंगे।इसके लिए गोरखपुर के गीडा प्रशासन ने इसका प्रारूप तैयार करने के लिए एक कंसलटेंट कंपनी को जिम्मेदारी भी सौंपी है।

इसके लिए कंपनी उस इलाके का सर्वेक्षण करेगी। सर्वेक्षण में यह ध्यान रखा जाएगा कि आने वाले 20-25 सालों में किस तरह के बदलाव कालेसर और उसके ईद-गिर्द होने वाले हैं।

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यात्रियों को बेहतर सुविधा हो सकेगी उपलब्ध :-

जिस स्थान को बस टर्मिनल के लिए चुना गया है वहां से लखनऊ, वाराणसी, बिहार, नेपाल आदि स्थानों पर जाने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। अब भी जिले से देश के कई बड़े शहरों के लिए लग्जरी बसों की सेवाएं शुरू हो चुकी है। इस टर्मिनल बन जाने के बाद निजी बसें भी यहां से संचालित हो सकेंगी और लोगों को यातायात का बेहतर माध्यम से मिल सकेगा। इससे आस-पास के क्षेत्र का भी विकास होगा।

गीडा सीईओ पवन अग्रवाल ने कहा कि कालेसर में 200 एकड़ में आवासीय और व्यावसायिक प्लाट बनाए जाने बाकी हैं। इसी प्लाट में 11 एकड़ जमीन में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल विकसित किया जाना है। 120 एकड़ भूमि इसके लिए की तलाश की गई है, जिसे जल्द ही गीडा खरीदेगा।

एक कंसलटेंट कंपनी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह सर्वेक्षण कर रिपोर्ट दे। रिपोर्ट मिलते ही उसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। शहर के विस्तार को ध्यान में रखते हुए यह टर्मिनल बनाए जाने की योजना है।

गीडा से पहले से ही मिल चुका है अनुमोदन :-

कालेसर में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनाने के प्रस्ताव का अनुमोदन गीडा बोर्ड की मीटिंग में हो गया है। इस टर्मिनल पूरी तरह से आधुनिक होगा और यहां हर प्रकार की सुविधाएं आपको मिलेंगी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर बनाए जाने वाले इस बस टर्मिनल में फूड प्लाजा, होटल, बस स्टाफ के ठहरने के लिए कमरों की व्यवस्थाएं होंगी। गीडा की योजना यह है कि इस टर्मिनल को नोएडा की टर्मिनल की तरह विकसित किया जाए।

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